नई दिल्ली: पाकिस्तान के लाहौर में सोमवार तड़के उस समय हिंसा भड़क उठी जब अर्धसैनिक बलों रेंजर्स ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं। इस कार्रवाई में कम से कम 10 टीएलपी समर्थकों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। यह घटना उस वक्त हुई जब सुरक्षाबलों ने सुबह की नमाज़ से पहले प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद मार्च के लिए जमा होने से रोकने के लिए अभियान चलाया।
टीएलपी समर्थक इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजराइल विरोधी प्रदर्शन की योजना बना रहे थे। रविवार को पंजाब सरकार और टीएलपी के बीच इस प्रदर्शन को लेकर बातचीत हुई थी, लेकिन बुधवार रात को लाहौर में हिंसा भड़क उठी जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कार्रवाई शुरू की।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि, “सेनटर राणा सनाउल्लाह, सरकारी सलाहकार हाफिज ताहिर अशरफी और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ख्वाजा सलमान रफीक टीएलपी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और आज किसी महत्वपूर्ण परिणाम की संभावना है।”
मुरीदके में भी हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जहां सुरक्षाबलों और टीएलपी समर्थकों के बीच झड़पें हुई हैं।
इस्लामाबाद और रावलपिंडी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बीते तीन दिनों से सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। राजधानी की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों को बंद कर दिया गया है, मेट्रो बस सेवाएं निलंबित हैं और मोबाइल इंटरनेट सेवा भी आंशिक रूप से बाधित की गई है ताकि प्रदर्शनकारियों के बीच संपर्क सीमित किया जा सके।
टीएलपी नेतृत्व का दावा है कि बुधवार रात से शुरू हुए पुलिस ऑपरेशन में अब तक उनके कम से कम 24 समर्थकों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं प्रशासन ने अभी तक इस संख्या की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है।
स्थिति को देखते हुए राजधानी इस्लामाबाद में माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है।