
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सोमवार को इजरायली संसद ‘क्नेसेट’ में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां उन्हें सांसदों द्वारा स्टैंडिंग ओवेशन और लंबे समय तक तालियों की गूंज के साथ सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया, जिन्होंने अमेरिका-इजरायल संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नेतन्याहू ने ट्रंप को बताया इजरायल का सबसे बड़ा मित्र
ट्रंप के भाषण से पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक भावुक और दृढ़ भाषण दिया। उन्होंने ट्रंप के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपने अब्राहम समझौते कराए, ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकाला, ऑपरेशन राइजिंग लायन और ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का समर्थन किया। आधी रात के बाद आपने सचमुच उन्हें (ईरान) पर चोट पहुंचाई।” नेतन्याहू ने ट्रंप को “व्हाइट हाउस में इजरायल का अब तक का सबसे बड़ा मित्र” बताया और कहा कि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायल के लिए इतना कुछ नहीं किया है।
‘शक्ति के माध्यम से शांति’ की नीति पर कायम इजरायल
गाजा में हमास के खिलाफ चल रही जंग को लेकर नेतन्याहू ने कहा, “इस युद्ध की बड़ी कीमत चुकाई गई है, लेकिन हमारे दुश्मनों को अब हमारी शक्ति और दृढ़ संकल्प का अंदाजा हो गया है। वे समझ गए हैं कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला करना एक ऐतिहासिक भूल थी। इजरायल यहां हमेशा रहेगा।” ट्रंप की ओर मुड़ते हुए उन्होंने कहा, “हमने अब्राहम समझौते के ज़रिए पहले भी शांति हासिल की है, और हम फिर से ऐसा करेंगे।”
क्नेसेट स्पीकर ने ट्रंप को बताया यहूदी इतिहास का ‘महान व्यक्तित्व’
क्नेसेट अध्यक्ष आमिर ओहाना ने ट्रंप की प्रशंसा करते हुए उन्हें “यहूदी इतिहास का एक महान व्यक्तित्व” करार दिया और क्षेत्रीय शांति प्रयासों में उनके योगदान को याद किया। संसद में यह कार्यक्रम एक ओर जहां उत्सव जैसा था, वहीं दूसरी ओर युद्ध की गंभीरता का माहौल भी बना रहा, क्योंकि इजरायल फिलहाल सैन्य अभियानों में व्यस्त है।
ट्रंप ने कहा- “ईरान के लिए भी दोस्ती का हाथ हमेशा खुला है”
अपने संबोधन में ट्रंप ने कूटनीति और मेल-मिलाप की बात करते हुए कहा, “यहां तक कि ईरान के लिए भी, जिसने मध्य पूर्व में इतनी मौत और तबाही मचाई है, दोस्ती और सहयोग का हाथ हमेशा खुला है।” उनके इस बयान पर इजरायली सांसदों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली।
इससे पहले ट्रंप ने अमेरिकी मध्यस्थता में हुए युद्धविराम के तहत रिहा किए गए 20 बंधकों के परिजनों से क्नेसेट में निजी मुलाकात की। इस बैठक में केवल ट्रंप और नेतन्याहू की टीम के आधिकारिक फोटोग्राफर मौजूद थे, जबकि स्वतंत्र मीडिया को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।
डोनाल्ड ट्रंप का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल क्षेत्रीय अस्थिरता से जूझ रहा है, और अमेरिका का समर्थन उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती दे रहा है।