Diwali 2025: धनतेरस से भाईदूज तक पूजा मुहूर्त, तिथियां और त्योहारों का पूरा कैलेंडर

Diwali 2025: धनतेरस से भाईदूज तक पूजा मुहूर्त, तिथियां और त्योहारों का पूरा कैलेंडर
Diwali 2025: धनतेरस से भाईदूज तक पूजा मुहूर्त, तिथियां और त्योहारों का पूरा कैलेंडर

नई दिल्ली: दिवाली, प्रकाश का पर्व, भारत में सबसे प्रमुख और उल्लासपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है और हर दिन का अपना विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। वर्ष 2025 में दिवाली 18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। आइए जानते हैं दिवाली 2025 के हर दिन की तिथि, पूजा मुहूर्त और प्रमुख परंपराएं।

धनतेरस – 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)

धनतेरस दिवाली पर्व की शुरुआत का दिन होता है। इस दिन घरों की साफ-सफाई की जाती है, रंगोली बनाई जाती है और दीयों से घर सजाया जाता है। सोना, चांदी या नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, जो समृद्धि का प्रतीक है।

  • पूजा मुहूर्त: शाम 7:39 बजे से 8:25 बजे तक
  • प्रादोष काल: शाम 5:59 बजे से 8:25 बजे तक
  • वृषभ काल: शाम 7:39 बजे से 9:41 बजे तक

काली चौदस / नरक चतुर्दशी – 19 अक्टूबर 2025 (रविवार)

इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। शाम को दीप जलाए जाते हैं और स्वास्थ्य व सुरक्षा की कामना के लिए पूजा की जाती है।

  • मुहूर्त: रात 11:40 बजे से अगले दिन 12:29 बजे तक
  • चतुर्दशी तिथि: 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे से 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे तक

दिवाली / लक्ष्मी पूजा – 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)

दिवाली का मुख्य दिन होता है जब मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। घरों को दीयों से सजाया जाता है, मिठाइयां बांटी जाती हैं और आतिशबाजी की जाती है।

  • प्रादोष काल: शाम 5:58 बजे से 8:25 बजे तक
  • वृषभ काल: शाम 7:31 बजे से 9:33 बजे तक
  • अमावस्या तिथि: 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक

गोवर्धन पूजा – 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)

यह पूजा भगवान कृष्ण को समर्पित होती है, जिन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाकर ग्रामवासियों की रक्षा की थी। इस दिन अन्नकूट की व्यवस्था की जाती है और भक्त कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

  • सुबह का मुहूर्त: सुबह 6:11 बजे से 8:32 बजे तक
  • शाम का मुहूर्त: दोपहर 3:36 बजे से 5:57 बजे तक

भाई दूज – 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)

भाई-बहन के प्रेम और बंधन का पर्व। बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भाई उपहार देते हैं। यह रक्षाबंधन जैसा पर्व है, लेकिन दिवाली के समय मनाया जाता है।

  • अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:14 बजे से 3:35 बजे तक

संक्षिप्त दिवाली 2025 कैलेंडर

  • धनतेरस: 18 अक्टूबर, पूजा मुहूर्त 7:39 बजे से 8:25 बजे
  • काली चौदस / नरक चतुर्दशी: 19 अक्टूबर, रात 11:40 बजे से 12:29 बजे (20 अक्टूबर)
  • दिवाली / लक्ष्मी पूजा: 20 अक्टूबर, प्रादोष काल 5:58 बजे से 8:25 बजे
  • गोवर्धन पूजा: 21 अक्टूबर, सुबह 6:11 बजे से 8:32 बजे, शाम 3:36 बजे से 5:57 बजे
  • भाई दूज: 22 अक्टूबर, अपराह्न 1:14 बजे से 3:35 बजे

दिवाली 2025 अपने साथ परिवार के मेल-जोल, भक्ति और प्रकाश का संदेश लेकर आ रही है। इस त्योहार को शुभ मुहूर्त और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मनाकर समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त करें।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।