नई दिल्ली: मशहूर गीतकार और स्क्रीनराइटर जावेद अख्तर ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के भारत दौरे पर हुए भव्य स्वागत की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने तालिबान के प्रतिनिधि को सम्मान देने पर गहरी शर्मिंदगी व्यक्त की और दारुल उलूम देवबंद द्वारा मुत्ताकी के स्वागत को भी अनुचित बताया। खासतौर पर तालिबान द्वारा अफगान लड़कियों की शिक्षा पर लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर अख्तर ने इस कदम की निंदा की है।
मुत्ताकी का यह दौरा 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद पहली बार भारत में हो रहा है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति द्वारा उनकी यात्रा प्रतिबंध में छूट मिलने के बाद संभव हो पाया है। मुत्ताकी पर 2001 से यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्ती और हथियारों पर रोक लगी हुई थी।
जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जब मैं देखता हूं कि आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोग तालिबान जैसे संगठन के प्रतिनिधि को सम्मान और स्वागत दे रहे हैं, तो मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।” उन्होंने विशेष रूप से दारुल उलूम देवबंद पर निशाना साधा, जो दक्षिण एशिया का एक प्रमुख इस्लामिक सेमिनरी है, जहां मुत्ताकी को “इस्लामिक हीरो” के रूप में सम्मानित किया गया। अख्तर ने कहा, “देवबंद को शर्मिंदा होना चाहिए कि उन्होंने ऐसे व्यक्ति का स्वागत किया, जो लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने वालों में से एक है। मेरे भारतीय भाइयों और बहनों, हमारे साथ क्या हो रहा है?” मुत्ताकी का यह दौरा भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन जावेद अख्तर के कड़े शब्दों ने इस स्वागत पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह बयान देश में तालिबान के प्रति बढ़ते सहयोग और सहनशीलता पर एक तीखी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।