
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है, जिसमें कुल 71 नाम शामिल हैं। यह सूची पहले चरण के चुनाव के लिए है, लेकिन नामों से ज्यादा चर्चा में वे चेहरे हैं, जिन्हें इस बार टिकट से वंचित कर दिया गया है।
तीन बड़े नामों पर लगी कैंची
भाजपा की इस सूची में पूर्व कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और कुम्हरार से विधायक अरुण सिन्हा को शामिल नहीं किया गया है। ये सभी लंबे समय से पार्टी के मजबूत स्तंभ माने जाते रहे हैं, लेकिन इस बार नेतृत्व ने नई रणनीति के तहत इन्हें बाहर कर दिया। टिकट कटने पर नंदकिशोर यादव ने कोई नाराजगी नहीं जताई, बल्कि संयमित बयान दिया। उन्होंने कहा,
“भाजपा ने मुझे जो सम्मान और मौका दिया, उसके लिए मैं आभारी हूं। नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने का जो फैसला लिया गया है, उसका मैं स्वागत करता हूं।” नरपतगंज सीट पर भी बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। यहां के मौजूदा विधायक जय प्रकाश यादव को हटाकर पूर्व विधायक देवंती यादव को टिकट दिया गया है।
नए चेहरों पर दांव
- आरा सीट से पार्टी ने संजय सिंह उर्फ टाइगर को मैदान में उतारा है।
- पटना साहिब से रत्नेश कुशवाहा को मौका मिला है।
- कुम्हरार में टिकट गया है संजय गुप्ता के खाते में।
कई अन्य मौजूदा विधायकों की छुट्टी
इन मौजूदा विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया गया:
- रिगा से मोतीलाल
- औराई से रामसूरत राय
- राजनगर से रामप्रीत पासवान
- बौराम से स्वर्णा सिंह गौड़ा
- कटोरिया से डॉ. निक्की हेम्ब्रम
- सीतामढ़ी से मिथिलेश कुमार
भाजपा के इस कदम को साफ तौर पर एक पीढ़ीगत बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी ने अनुभवी नेताओं की जगह नए चेहरों को प्राथमिकता दी है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखकर चुनावी मैदान में उतर रही है।