मंगलवार को एपल ने अपना नए आईफोन सीरीज 15 को लांच कर दिया. खास बात तो ये है लांच करने के बाद एपल के शेयर में करीब दो फीसदी की गिरावट देखने को मिली. जिसकी वजह से कंपनी को 47.76 अरब डॉलर का नुकसान हो गया. जिसे भारतीय रुपयों में 4 लाख करोड़ रुपये आंका जा रहा है. वास्तव में शेयर में गिरावट की असल वजह चीन कंपनी हुआवेई टेक्नोलॉजीज है. जिसने अपनी शिपमेंट को 20 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है. हाल ही में एपल के सबसे बड़े मार्केट में से एक चीन से एपल के लिए अच्छी खबरें नहीं आई है. यही वजह से 5 दिन में कंपनी के शेयर में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. आइए आपको भी इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
एपल के शेयर में गिरावट
मंगलवार को एपल के शेयर 1.76 फीसदी की गिरावट के साथ 176.30 डॉलर पर बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 174.82 डॉलर पर भी पहुंचा. ?वैसे कंपनी का शेयर 179.49 रुपये पर ओपन हुए थे. अगर बीते 5 दिनों की बात करें तो कंपनी के शेयर में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. वैसे इस साल एपल के शेयर ने निवेशकों को मोटा रिटर्न दिया है. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार एपल के शेयरों में अब तक 41 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो कुछ दिनों के लिए एपल का शेयर दबाव में बना हुआ रह सकता है.
क्यों आई एपल के शेयर में गिरावट
एपल के शेयर में गिरावट की असल वजह चीन को माना जा रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार एपल के शेयर की कीमत में गिरावट उस रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें कहा गया है कि चीन की हुआवेई टेक्नोलॉजीज ने अपने मेट 60 सीरीज स्मार्टफोन के लिए साल के सेकंड हाफ की शिपमेंट के टारगेट को 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है. चीनी कंपनी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब दुनिया के सामने एपल का नया आईफोन 15 सीरीज और दूसरे प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया है. कुछ दिन पहले चीनी सरकार ने अपने कर्मचारियों को आईफोन और दूसरे विदेशी डिवाइस यूज ना करने की हिदायत दी है.
एपल को चार लाख करोड़ रुपये का नुकसान
कंपनी के शेयर में गिरावट की वजह से कंपनी की वैल्यूएशन में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. यह गिरावट 47.76 अरब डॉलर की देखने को मिली है. भारतीय रुपये में इस नुकसान हो 4 लाख करोड़ के आसपास आंका जा रहा है. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को जब बाजार बंद हुआ था तो कंपनी का मार्केट कैप 2.799 ट्रिलियन डॉलर था जो मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद 2.752 ट्रिलियन डॉलर रह गया. इसका मतलब है कि कंपनी के मार्केट कैप में 47 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है.