वाशिंगटन: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान पहली बार व्हाइट हाउस का दौरा किया। यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।
इस बैठक में व्यापार, रक्षा सहयोग, ऊर्जा व्यापार और आतंकवाद पर संयुक्त कार्रवाई जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
मुख्य बिंदु और समझौते:
1. व्यापार और टैरिफ पर चर्चा
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में “रेसिप्रोकल टैरिफ” नीति की घोषणा की है, जिसके तहत अमेरिका अब उन देशों पर समान आयात कर लगाएगा जो अमेरिकी सामानों पर अधिक टैक्स लगाते हैं। इस संदर्भ में भारत और अमेरिका ने व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिए एक नई रूपरेखा तैयार करने पर सहमति जताई।
2. रक्षा और सामरिक सहयोग
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। ट्रंप ने घोषणा की कि भारत उन्नत अमेरिकी F-35 फाइटर जेट्स की खरीद करेगा। यह समझौता भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा और दोनों देशों के सामरिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
3. ऊर्जा व्यापार का विस्तार
भारत और अमेरिका ने ऊर्जा व्यापार को और बढ़ाने का फैसला किया है। इस समझौते के तहत अमेरिका, भारत के लिए कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन सकता है। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और अमेरिका को भी बड़ा बाजार मिलेगा।
4. राजनीतिक और सांस्कृतिक समानताएं
दोनों नेता अपने राष्ट्रवादी एजेंडे के लिए जाने जाते हैं और इस बैठक में भी उनकी समान विचारधारा देखने को मिली। मोदी ने ट्रंप के प्रसिद्ध नारे “Make America Great Again” (MAGA) की तर्ज पर “Make India Great Again” (MIGA) का प्रस्ताव रखा, जिसे ट्रंप ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
5. ताहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण
बैठक में मुंबई 26/11 आतंकी हमले के आरोपी ताहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई। ट्रंप ने पुष्टि की कि अमेरिका ने ताहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की साझा लड़ाई को और मजबूती देगा।
भविष्य की योजना
बैठक के अंत में दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापार को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा। रक्षा, व्यापार और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने पर सहमति बनी।
निष्कर्ष
पीएम मोदी की यह व्हाइट हाउस यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हुए समझौतों से दोनों देशों को लाभ मिलेगा और विश्व मंच पर भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी।