नई दिल्ली, 7 मई 2025: भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने एक बार फिर अपने नेतृत्व कौशल और रणनीतिक दृष्टिकोण का परिचय देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सफल संचालन किया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में लॉन्च किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
प्रारंभिक जीवन और सैन्य करियर
अमर प्रीत सिंह का जन्म 27 अक्टूबर 1964 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने नेशनल डिफेंस अकादमी, खड़कवासला और एयर फोर्स अकादमी, डुंडीगल से शिक्षा प्राप्त की। 21 दिसंबर 1984 को भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें सेंट्रल एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के विरुद्ध निर्णायक प्रहार
6 मई 2025 की रात, भारतीय वायुसेना और सेना ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, और यह पूरी तरह संयमित और लक्षित थी।
रणनीतिक नेतृत्व और भविष्य की दिशा
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह संदेश दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने इस ऑपरेशन की योजना और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई प्रभावी और सटीक हो।
निष्कर्ष
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का नेतृत्व और रणनीतिक दृष्टिकोण भारतीय वायुसेना को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता उनके नेतृत्व की पुष्टि करती है और यह दर्शाती है कि भारत आतंक के खिलाफ सख्त और निर्णायक कदम उठाने में सक्षम है।