प्रयागराज। महा कुंभ मेले के दौरान हवाई यात्रा के बढ़ते किरायों ने श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली से प्रयागराज की फ्लाइट का किराया ₹21,200 तक पहुंच गया, जिससे आम श्रद्धालु हवाई यात्रा करने में असमर्थ हो रहे हैं। इस पर केंद्र सरकार ने एयरलाइंस को किराए नियंत्रित करने की सख्त हिदायत दी है।
उड्डयन मंत्री की एयरलाइंस से बैठक, DGCA को दिए निर्देश
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने 29 जनवरी को एयरलाइंस और नागरिक उड्डयन अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने एयरलाइंस को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किराए कम किए जाएं और प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाए।
इससे पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हवाई किरायों को “अत्यधिक ऊंचा” बताते हुए DGCA को तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए कहा था। जोशी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “महंगे हवाई किरायों के कारण श्रद्धालुओं के लिए महा कुंभ आना मुश्किल हो गया है। हमने @DGCAIndia को उचित कदम उठाने के लिए लिखा है।”
इंडिगो ने किराए में 50% तक की कटौती
सूत्रों के अनुसार, इंडिगो एयरलाइंस ने प्रयागराज की फ्लाइट्स के किराए में 30-50% की कटौती की है। हालांकि, एयरलाइन ने अभी तक इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
फिलहाल, दिल्ली से प्रयागराज की फ्लाइट के किराए में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है—
31 जनवरी: ₹21,200
16 फरवरी: ₹13,500
12 फरवरी: ₹9,000
इंडिगो फिलहाल दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, बेंगलुरु और अहमदाबाद से प्रयागराज के लिए उड़ानें संचालित कर रही है। हालांकि, स्पाइसजेट, एयर इंडिया और अकासा एयर जैसी एयरलाइंस ने अब तक किराए को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हवाई यात्रा के लिए नई व्यवस्था, अब 80,000 सीटें उपलब्ध
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रयागराज के लिए हवाई संपर्क को बढ़ा दिया है।
अब प्रयागराज में हर महीने 132 उड़ानें संचालित हो रही हैं, जिससे लगभग 80,000 सीटें उपलब्ध कराई गई हैं।
प्रयागराज अब 17 शहरों से सीधे जुड़ चुका है, जो दिसंबर 2024 में केवल 8 था।
कुल 26 शहरों (श्रीनगर, विशाखापट्टनम समेत) के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट्स उपलब्ध हैं।
महंगा सफर बनेगा आसान?
महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन के दौरान हवाई किराया आसमान छूने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। सरकार ने एयरलाइंस को चेतावनी दी है कि वे श्रद्धालुओं को अत्यधिक किराए से न लूटें। अब देखने वाली बात होगी कि एयरलाइंस इस निर्देश का कितना पालन करती हैं और अन्य एयरलाइन कंपनियां भी किराए में कटौती करती हैं या नहीं।