श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा 2025 इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस वर्ष यात्रा के लिए 50,000 से अधिक सीआरपीएफ जवानों की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती की जा रही है। ये जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर दो प्रमुख मार्गों — पहलगाम और बालटाल — पर सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक, कुल 38 दिनों तक चलेगी। यात्रा की अवधि इस बार 2024 के मुकाबले घटा दी गई है, जब यह 52 दिनों तक चली थी।
हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां
सुरक्षा बलों की ज़िम्मेदारियों में सड़क खोलने का कार्य (Road Opening Party), आईईडी (IED) की पहचान व निष्क्रिय करना, 24 घंटे निगरानी और संवेदनशील बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई दल (QRT) की तैनाती शामिल होगी।
- हर काफिले में सैटेलाइट फोन और जैमर लगाए जाएंगे
- यत्रियों के गुजरते वक्त नेशनल हाईवे से सटे सभी संपर्क मार्ग बंद कर दिए जाएंगे
- ड्रोन, बम निरोधक दस्ता और स्निफर डॉग यूनिट सक्रिय रहेंगे
यात्रियों के लिए सख्त दिशानिर्देश
श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए दिशानिर्देशों को और सख्त कर दिया है।
- 13 साल से कम और 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी, चाहे उनके पास मेडिकल सर्टिफिकेट हो
- गर्भवती महिलाओं को भी यात्रा से वंचित किया जाएगा
- हर यात्री और वाहन को RFID टैग से लैस किया जाएगा ताकि रियल टाइम ट्रैकिंग की जा सके
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदले हालात
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़े तनाव को देखते हुए अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सेना और अर्धसैनिक बल हाई अलर्ट पर हैं, और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बल हर मोर्चे पर सतर्क हैं।