नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन परिसर में स्थित अमृत उद्यान 16 अगस्त से 14 सितंबर तक आम जनता के लिए खोला जाएगा। शनिवार को राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से इसकी घोषणा की गई। इस एक महीने की अवधि में दिल्लीवासियों और पर्यटकों को देश की राजधानी के इस प्रतिष्ठित हरित क्षेत्र को देखने और उसका आनंद लेने का अवसर मिलेगा।
दर्शन का समय और प्रवेश विवरण
अमृत उद्यान सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा, जबकि अंतिम प्रवेश शाम 5:15 बजे तक होगा। प्रत्येक सोमवार को उद्यान रखरखाव के लिए बंद रहेगा। प्रवेश के लिए गेट नंबर 35 (नॉर्थ एवेन्यू रोड के पास) निर्धारित किया गया है।
प्रवेश पूरी तरह से नि:शुल्क होगा।
इच्छुक आगंतुक visit.rashtrapatibhavan.gov.in पर जाकर स्लॉट बुक कर सकते हैं। बिना पूर्व बुकिंग के आने वालों के लिए गेट नंबर 35 के बाहर सेल्फ-सर्विस कियोस्क की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
इस बार आकर्षण का केंद्र: बैब्लिंग ब्रुक
इस वर्ष अमृत उद्यान में एक नया विशेष आकर्षण जोड़ा गया है—’बैब्लिंग ब्रुक’। यह एक कलात्मक रूप से डिजाइन की गई जलधारा है, जिसमें झरने, पत्थर के फव्वारे, स्टेपिंग स्टोन्स और एक ऊंचा रिफ्लेक्टिंग पूल शामिल है। यह लोगों को प्रकृति की गोद में शांति और सुकून का अनुभव देगा।
अन्य खास विशेषताएं
- बरगद वृक्षों के बीच रिफ्लेक्सोलॉजी पथ
- पंचतत्व से प्रेरित ट्रेल और वनध्वनि वातावरण
- हर्बल और प्लूमेरिया गार्डन
- घास की टीलियाँ और विविध पौधों की झांकियाँ
गार्डन ट्रेल में क्या-क्या है शामिल
पर्यटक यहां निम्न स्थलों का भ्रमण कर सकेंगे:
- बाल वाटिका
- हर्बल गार्डन
- बोनसाई गार्डन
- सेंट्रल लॉन
- लॉन्ग गार्डन
- सर्कुलर गार्डन
हर स्थान पर लगे क्यूआर कोड स्कैन कर लोग पौधों और डिजाइन के बारे में डिजिटल जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे यह अनुभव और भी रोचक एवं शिक्षाप्रद बनेगा।
क्या ला सकते हैं साथ
- मोबाइल फोन
- इलेक्ट्रॉनिक चाबियाँ
- पर्स और हैंडबैग
- पानी की बोतल
- शिशु दूध की बोतल
- छाता
अन्य कोई वस्तु परिसर में ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
खास दिन: खिलाड़ियों और शिक्षकों के लिए विशेष प्रवेश
राष्ट्रीय खेल दिवस (29 अगस्त) और शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के अवसर पर खिलाड़ियों और शिक्षकों को विशेष रूप से प्रवेश की सुविधा दी जाएगी। यह राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
अमृत उद्यान न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता बल्कि वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संयोजन के कारण भी एक अद्वितीय अनुभव देता है। यह एक ऐसा स्थल है, जहां हर वर्ग के लोग शांति, ज्ञान और सजीव प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।