Vantara में जानवरों की हो रही है तस्करी! कई भारतीय मीडिया ने खबर को हटाया, केंद्र सरकार पर सवाल

Vantara में जानवरों की हो रही है तस्करी! कई भारतीय मीडिया ने खबर को हटाया, केंद्र सरकार पर सवाल
Vantara में जानवरों की हो रही है तस्करी! कई भारतीय मीडिया ने खबर को हटाया, केंद्र सरकार पर सवाल

नई दिल्ली: साउथ अफ्रीका की जानी-मानी वन्यजीव संरक्षण संस्था Wildlife Animal Protection Forum of South Africa (WAPFSA) ने गुजरात स्थित वंतारा (Vantara) नामक जीव-जंतुओं के रेस्क्यू और पुनर्वास केंद्र को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। वंतारा की स्थापना अनंत अंबानी, उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र द्वारा की गई है और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मार्च 2024 को विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर किया था।

WAPFSA ने वंतारा में कई शेर, चीते, बाघ और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों के निर्यात पर आपत्ति जताई है। उनके अनुसार गुजरात का जलवायु अधिकांश भारतीय हिस्सों की तुलना में कहीं अधिक गर्म है, जो कई प्रजातियों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता।

WAPFSA ने 6 मार्च को भारत और साउथ अफ्रीका की संबंधित मंत्रालयों, CITES प्राधिकरण और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने वंतारा के जानवरों की सुरक्षा और कल्याण की व्यापक जांच की मांग की।

साउथ अफ्रीका के 2023/24 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 56 चीते वंतारा को भेजे गए हैं, साथ ही 70 शेर, 60 बाघ, 19 तेंदुए और कई अन्य दुर्लभ प्रजातियां भी भारत आई हैं। इस रिपोर्ट में यह भी सवाल उठाया गया कि शेर और बाघ साउथ अफ्रीका की पनपती फार्मों से खरीदे गए हैं और फिर वंतारा भेजे गए हैं, जहां उनका जीवन स्तर बेहतर बताया जाता है। WAPFSA का कहना है कि यह केवल बहाना है क्योंकि इन जानवरों का उपयोग प्रजनन के लिए किया जाएगा और उन्हें जंगली जीवन से अलग कर केवल उत्पादक बनाया जाएगा।

WAPFSA ने कहा कि “प्राकृतिक आवास से बाहर जानवरों को कैद में रखना ही उनके साथ दुर्व्यवहार है। चाहे ज़ू कितना भी आधुनिक हो, जानवरों की प्राकृतिक आज़ादी और जीवन की तुलना कैद से नहीं की जा सकती।”

अजीब घटना: भारतीय मीडिया ने खबर हटा दी

इस पूरे मामले पर कई भारतीय न्यूज चैनलों और वेबसाइट्स ने शुरुआती रिपोर्टिंग के बाद अचानक इस खबर को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि कहीं किसी दबाव या सेंसरशिप के कारण तो इस गंभीर मुद्दे को दबाया नहीं जा रहा। विशेषज्ञ और वन्यजीव प्रेमी इस संदर्भ में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वंतारा के उद्घाटन और केंद्र सरकार के वन्यजीव संरक्षण विभाग से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण की मांग तेज हो रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत में इन जंगली जानवरों के कल्याण और उनकी उपयुक्त देखभाल को लेकर सही कदम उठाए जा रहे हैं या केवल भव्य दिखावे के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा है।

WAPFSA ने एक स्वतंत्र वैज्ञानिक जांच कराने का भी आह्वान किया है ताकि जानवरों की भलाई सुनिश्चित की जा सके और वंतारा जैसे केंद्रों की निगरानी सख्त हो। यह मामला अब केवल वन्यजीव संरक्षण का नहीं, बल्कि पारदर्शिता, मीडिया स्वतंत्रता और सरकार की जिम्मेदारी का भी प्रश्न बन गया है।