नई दिल्ली: लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई बहस में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर को बोलने का मौका नहीं दिया गया, जिस पर मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने एक समाचार लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें बताया गया था कि उन्हें और थरूर को बहस के वक्ताओं की सूची से बाहर रखा गया है।
मनीष तिवारी ने इसके साथ 1970 की फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ के प्रसिद्ध देशभक्ति गीत की पंक्तियां भी साझा कीं, “है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ। जय हिंद।” इसके माध्यम से उन्होंने परोक्ष रूप से अपनी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधा।
गौरतलब है कि मनीष तिवारी और शशि थरूर दोनों ही उन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे, जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न देशों में भेजा गया था। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एकजुट राजनीतिक स्थिति को प्रस्तुत करना और पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना था।
सूत्रों के अनुसार, मनीष तिवारी ने कांग्रेस नेतृत्व को बहस में बोलने की अनुमति के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था। वहीं, शशि थरूर ने स्पष्ट रूप से यह कहकर इनकार कर दिया कि वह सरकार की आलोचना करने वाली पार्टी लाइन के साथ खुद को नहीं जोड़ सकते।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने थरूर से लोकसभा में सरकार की आलोचना करते हुए बोलने का अनुरोध किया था, लेकिन थरूर ने यह कहकर मना कर दिया कि उनका ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दृष्टिकोण पार्टी से भिन्न है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें बोलने का मौका दिया गया, तो वे ऑपरेशन सिंदूर को सफल करार देंगे, जैसा उन्होंने विदेश दौरे के दौरान भी कहा था। जब पत्रकारों ने थरूर से इस मुद्दे पर सवाल किया, तो उन्होंने संक्षिप्त उत्तर दिया—”मौनव्रत, मौनव्रत।” इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस पार्टी के भीतर मतभेदों को एक बार फिर उजागर कर दिया है, खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर।