Ashutosh Rana का रावण मंदिर पर वायरल जवाब, कलयुग की व्याख्या ने छू लिया दिल

Ashutosh Rana का रावण मंदिर पर वायरल जवाब, कलयुग की व्याख्या ने छू लिया दिल
Ashutosh Rana का रावण मंदिर पर वायरल जवाब, कलयुग की व्याख्या ने छू लिया दिल

मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और विचारशील व्यक्तित्व के धनी आशुतोष राणा का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह भारत में रावण के मंदिर को लेकर पूछे गए सवाल का न सिर्फ गहराई से उत्तर देते हैं, बल्कि जीवन, युगों और मानव स्वभाव पर एक दर्शनात्मक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करते हैं।

अभिनेता, जिन्होंने अपने करियर में राम और रावण जैसे पौराणिक किरदारों को पर्दे पर निभाया है, इस सवाल का जवाब देते हुए भारतीय संस्कृति की उस सोच को उजागर करते हैं, जिसमें अच्छाई और बुराई को केवल सतही रूप से नहीं देखा जाता।

रावण का मंदिर है या नहीं, आशुतोष राणा का खास जवाब

वीडियो में एक दर्शक आशुतोष राणा से सवाल करता है कि क्या उन्हें भारत में रावण का कोई मंदिर पता है? इस पर राणा कोई सीधा जवाब देने के बजाय युगों के क्रम और मानव मन में छिपे देव-दानव तत्वों की व्याख्या करते हैं।

उन्होंने कहा, “एक समय था सतयुग, जब देव और दानव अलग-अलग लोकों में रहते थे। फिर त्रेतायुग आया, जहां दोनों एक ही लोक में रहने लगे। द्वापर युग में ये एक ही परिवार में आ गए।”

कलयुग की व्याख्या ने छू लिया दिल

कलयुग की बात करते हुए आशुतोष राणा ने कहा, “अब हम जिस युग में हैं, कलयुग में, देव और दानव दोनों एक ही देह में निवास करते हैं।” उनके इस उत्तर ने न केवल दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि वह किसी भी चरित्र को सिर्फ अच्छाई या बुराई के नजरिए से नहीं देखते।

उन्होंने यह भी इशारा किया कि रावण जैसे पात्र केवल नकारात्मकता के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे ज्ञान, आत्मविश्वास और साहस जैसे गुणों से भी भरपूर हैं।

हिमाचल के रावण मंदिर का जिक्र

सवाल पूछने वाले शख्स ने आशुतोष राणा को हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में स्थित रावण मंदिर के बारे में जानकारी दी और उन्हें वहां आने का आमंत्रण भी दिया। यह उल्लेख दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति में विरोधाभासी चरित्रों को भी सम्मान और समर्पण के साथ देखा जाता है।

सोशल मीडिया पर मिल रही है सराहना

आशुतोष राणा के इस संतुलित और ज्ञानपूर्ण उत्तर को सोशल मीडिया पर खूब सराहना मिल रही है। यूजर्स उनके जवाब को प्रेरणादायक और विचारोत्तेजक बता रहे हैं, और यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

यह वीडियो न केवल आशुतोष राणा की गहरी सोच को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि भारतीय समाज में आज भी पौराणिक चरित्रों की व्याख्या एक व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण से की जाती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।