बेंगलुरु: बेंगलुरु के AI कर्मचारी अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में आरोपी पत्नी निकिता सिंघानिया की जमानत याचिका पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को अतुल सुभाष के वकील आकाश जिंदल ने कहा कि आरोपी पत्नी को बच्चे का इस्तेमाल जमानत पाने के लिए नहीं करने दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला पूरी तरह से आपराधिक है और परिवार के सदस्य अतुल सुभाष के बच्चे की पूरी कस्टडी चाहते हैं।
वकील आकाश जिंदल ने अदालत में कहा, “यह एक गंभीर आपराधिक मामला है और आरोपित महिला को बच्चे का इस्तेमाल अपनी जमानत के लिए नहीं करने दिया जाना चाहिए। हम बच्चे की पूरी कस्टडी की मांग कर रहे हैं।”
बता दें कि अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता और उसके परिवार द्वारा ₹3 करोड़ के तलाक के समझौते के लिए उत्पीड़न के कारण आत्महत्या की थी। अतुल सुभाष के परिवार का आरोप है कि निकिता ने अपने पति से पैसे की मांग की थी और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे वह इस कदम को उठाने पर मजबूर हो गए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हैबियस कॉर्पस याचिका
वकील ने यह भी बताया कि अतुल सुभाष के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की है और कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटका की अधिकारियों को बच्चे की खोज के लिए निर्देश दिए हैं। अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने कहा कि उन्हें बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता है और यदि निकिता को जमानत मिलती है तो वह बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
पवन कुमार मोदी ने कहा, “अगर उसने मेरे बेटे को आत्महत्या करने के लिए उकसाया, तो वह बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकती है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निकिता ने पहले बच्चे की देखभाल के नाम पर ₹20,000 से ₹40,000 की मांग की थी, फिर यह राशि बढ़ाकर ₹80,000 तक कर दी और लगातार अधिक पैसे की मांग करती रही।
बच्चे की कस्टडी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 7 जनवरी को
परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से बच्चे की कस्टडी की मांग की है, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि बच्चा उनके पास सुरक्षित रहेगा। अतुल सुभाष के भाई बिकास कुमार ने कहा कि पुलिस ने उनके परिवार को सहयोग किया है और वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। जब उनसे बच्चे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे इस वक्त बच्चे के बारे में कुछ नहीं जानते और सुप्रीम कोर्ट की 7 जनवरी को होने वाली सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं।
आत्महत्या से पहले का वीडियो और डेथ नोट
अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या से पहले लगभग 90 मिनट लंबा वीडियो और 24 पन्नों का एक डेथ नोट छोड़ा था, जिसमें उसने अपनी पत्नी और उसके परिवार द्वारा किए गए उत्पीड़न का जिक्र किया था। अतुल के अनुसार, उसकी पत्नी और परिवार ने उसे ₹3 करोड़ के तलाक समझौते के लिए मजबूर किया था और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिससे वह इस कदम को उठाने पर मजबूर हो गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी और जमानत पर विवाद
निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को इस मामले में गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। निकिता ने हालांकि आरोप लगाया है कि अतुल सुभाष ने उसके परिवार से दहेज की मांग की थी, जिसके कारण उसके पिता की मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 108, 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच कर रही है।