
इस्लामाबाद/बलूचिस्तान – पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल इस्लामी गणराज्य को बल्कि समूची इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। बलूचिस्तान के देघारी जिले में एक प्रेमी जोड़े को महज इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उन्होंने परिवार की मंजूरी के बिना शादी कर ली थी।
इस जघन्य अपराध का वीडियो खुद आरोपियों द्वारा शूट कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया, जिसके बाद पूरे पाकिस्तान में हंगामा मच गया है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक भीड़, दो पिकअप ट्रकों में सवार होकर प्रेमी जोड़े को एक सुनसान इलाके में लेकर जाती है और सरेआम उनकी हत्या कर देती है।
वीडियो में झलकती क्रूरता
वीडियो में युवती स्पष्ट रूप से कहती है कि उसने कानूनी रूप से शादी की है। वह एक क्षण के लिए कहती है, “आओ, मेरे साथ सात कदम चलो और फिर तुम मुझे गोली मार सकते हो।” इसके तुरंत बाद, एक शख्स पीछे से आता है और महिला को तीन गोलियां मारता है। महिला के गिरने के बाद उसी शख्स द्वारा उसके पति को भी गोली मार दी जाती है। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति बंदूक निकालता है और हत्या में साथ देता है।
पीड़ितों की पहचान और पुलिस कार्रवाई
स्थानीय पुलिस ने मृतकों की पहचान बानो बीबी और अहसान उल्लाह के रूप में की है। अधिकारियों ने बताया कि हत्या में शामिल होने के संदेह में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें युवती का भाई और कबिलाई सरदार सातकजई भी शामिल हैं। सरदार पर प्रेमी जोड़े को मारने का आदेश देने का आरोप है।
पुलिस प्रमुख नवीद अख्तर ने बताया कि लड़की के भाई ने कबिलाई सरदार से शिकायत की थी कि उसकी बहन ने उसकी अनुमति के बिना शादी की है। इसी के बाद हत्या का आदेश दिया गया। अभी नौ और संदिग्धों की तलाश जारी है।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता फरहतुल्ला बाबर ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “मारी गई महिला ने जिस बहादुरी का प्रदर्शन किया, वह एक मिसाल है। उसने न जान की भीख मांगी, न ही कोई कमजोरी दिखाई।” उन्होंने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
ऑनर किलिंग की भयावह परंपरा
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में प्रेम विवाह करने पर युवाओं को इस तरह मौत दी गई हो। ऑनर किलिंग वहां अब भी सामाजिक स्वीकृति की आड़ में होती आ रही है। जनवरी 2025 में भी एक व्यक्ति को अपनी अमेरिका में जन्मी बेटी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उसने टिकटॉक पर वीडियो बनाना बंद करने से इनकार कर दिया था।
यह मामला एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि तथाकथित “इज्जत” के नाम पर किस प्रकार जानें ली जा रही हैं। यह घटना न केवल पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज में कबिलाई सोच और परंपराओं के नाम पर कानून से ऊपर जाकर फैसले लेने की प्रवृत्ति कितनी खतरनाक हो चुकी है। मानवाधिकार संगठनों ने सरकार से अपील की है कि इस मामले में शीघ्र और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि ऐसे अपराध दोबारा न हों।