लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में बड़ा नेतृत्व परिवर्तन करते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने रविवार को आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया। यह फैसला पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया, जिसमें आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया।
मायावती का सख्त रुख
मायावती ने इस फैसले को पार्टी अनुशासन और संगठनात्मक स्थिरता के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बहुजन समाज का विकास ही बसपा की मुख्य प्राथमिकता है और इसके लिए पार्टी को मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है।
बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती से पहले इस बदलाव का ऐलान करते हुए मायावती ने उनके सिद्धांतों को दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांशीराम कभी परिवारवाद के खिलाफ नहीं थे, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई पार्टी के खिलाफ काम करेगा, तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा।
आकाश आनंद की विदाई
मायावती ने यह भी खुलासा किया कि अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकालने के बाद, अब उनके दामाद आकाश आनंद को भी सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक सिद्धार्थ पार्टी में विभाजन और संगठन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सिद्धार्थ के प्रभाव में आने की वजह से आकाश आनंद की राजनीतिक सोच बदलने लगी थी, जो बसपा के हित में नहीं थी। इसीलिए, पार्टी ने उन्हें हटाने का बड़ा फैसला लिया।
बसपा नेतृत्व को मजबूत करने की कोशिश
पार्टी को मजबूत और स्थिर बनाए रखने के लिए मायावती ने आनंद कुमार को बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय समन्वयक की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को भी राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया है।
मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्होंने कभी पार्टी को निराश नहीं किया और हमेशा पार्टी मिशन के प्रति समर्पित रहे हैं।
आकाश आनंद की राजनीति पर सवाल
आकाश आनंद को हटाने का फैसला ऐसे समय आया है जब कुछ हफ्ते पहले ही उन्हें राष्ट्रीय समन्वयक पद पर बहाल किया गया था। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा की हार के बाद, 7 मई 2024 को मायावती ने उन्हें परिपक्वता की कमी का हवाला देकर इस पद से हटा दिया था।
गौरतलब है कि 10 दिसंबर 2023 को मायावती ने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन अब यह निर्णय पूरी तरह बदल दिया गया है।
क्या बसपा में बड़े बदलावों की शुरुआत?
आकाश आनंद को हटाने और पार्टी में नए समन्वयकों की नियुक्ति से संकेत मिल रहे हैं कि बसपा में बड़े बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 और पार्टी के भविष्य को लेकर मायावती किसी भी तरह का जोखिम लेने को तैयार नहीं दिख रही हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या यह फेरबदल बसपा को मजबूती देगा या फिर यह पार्टी के अंदर नई उथल-पुथल की वजह बनेगा।