न्यूयॉर्क: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि भारत दुनिया भर में जारी संघर्षों को सुलझाने में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह टिप्पणी उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के मौके पर समाचार एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान की। जब उनसे यह पूछा गया कि भारत वर्तमान वैश्विक युद्धों के समाधान में कैसी भूमिका निभा सकता है, तो उन्होंने सीधा जवाब दिया, “मुझे लगता है कि भारत एक बहुत अहम भूमिका निभा सकता है।”
मेलोनी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री मेलोनी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किए थे और शांति की आवश्यकता को दोहराया था।
यूक्रेन युद्ध पर भारत की भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने उस बातचीत के दौरान यूक्रेन में शांति स्थापना के लिए कूटनीतिक प्रयासों को भारत का पूर्ण समर्थन दोहराया। वहीं, मेलोनी ने भी यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर बल दिया। दोनों नेताओं ने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) की प्रगति की समीक्षा की, जो निवेश, रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान, शिक्षा, आतंकवाद विरोध और लोगों के बीच संबंध जैसे क्षेत्रों को कवर करती है।
इसके साथ ही, दोनों देशों ने संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-29 (Joint Strategic Action Plan 2025-29) के तहत सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (India-EU FTA) को लेकर समर्थन
प्रधानमंत्री मेलोनी ने भारत–यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (India-EU FTA) को शीघ्रता से और पारस्परिक रूप से लाभकारी रूप में अंतिम रूप देने के लिए इटली के मजबूत समर्थन की बात कही। साथ ही उन्होंने भारत में 2026 में होने वाले AI Impact Summit की सफलता पर भी भरोसा जताया।
दोनों नेताओं ने इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEEC) के तहत सहयोग बढ़ाने और इसके अगले चरणों को लेकर संपर्क में रहने पर सहमति व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें उच्च-स्तरीय सत्र की शुरुआत मंगलवार को न्यूयॉर्क में हुई, जिसमें दुनिया भर के नेता गाजा और यूक्रेन में जारी युद्ध, जलवायु परिवर्तन, और मानवाधिकार जैसे गंभीर वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। इस साल की थीम है
“बेहतर साथ मिलकर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के 80 वर्ष और आगे।”
यूक्रेन युद्ध: तीसरे वर्ष में भी जारी संघर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध, जो अब अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, लगातार और अधिक भयावह रूप लेता जा रहा है। रूस ने यूक्रेन के शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं, जिससे बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए हैं और बिजली व बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
वहीं, यूक्रेन ने भी रूसी क्षेत्रों में तेज जवाबी ड्रोन हमले शुरू किए हैं, जिनमें तेल रिफाइनरियों और ऊर्जा सुविधाओं को निशाना बनाया गया है, जिससे रूस के ईंधन निर्यात पर असर पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस युद्ध को लेकर नाटो और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता दी है, जबकि रूस ने नाटो पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया है। पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में युद्ध रेखाएं अब भी स्थिर हैं, और किसी भी पक्ष को निर्णायक बढ़त नहीं मिली है।
प्रधानमंत्री मेलोनी के ताज़ा बयान से स्पष्ट है कि भारत की भूमिका वैश्विक मंचों पर लगातार बढ़ रही है। चाहे वह कूटनीतिक समाधान हो, व्यापारिक समझौते हों, या तकनीकी साझेदारियां भारत अब न केवल एक उभरती हुई शक्ति है, बल्कि विश्व शांति के लिए एक संभावित मध्यस्थ भी बनता जा रहा है।