नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और राज्य में दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए 6 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इसी बीच बिहार की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिल सकता है, जहां लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा जोर पकड़ रही है।
चिराग-प्रशांत गठबंधन की संभावना
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, एलजेपी के सूत्रों ने यह संकेत दिया है कि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बीच बिहार चुनाव को लेकर गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता है, तो यह राज्य की राजनीति में एक बड़ा प्रयोग और समीकरण बदलने वाला कदम साबित हो सकता है।
चिराग पासवान इस समय एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं और केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। बावजूद इसके, सीटों के बंटवारे को लेकर उनकी नाराजगी स्पष्ट नजर आ रही है।
सीट बंटवारे पर एनडीए में खींचतान
चिराग पासवान बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि बीजेपी reportedly सिर्फ 25 सीटें देने के लिए तैयार है। चिराग का तर्क है कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत हासिल की। ऐसे में उन्हें विधानसभा में भी मजबूत हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
इस मुद्दे पर बीजेपी और लोजपा के बीच बातचीत जारी है। हाल ही में चिराग के दिल्ली स्थित आवास पर बीजेपी नेताओं धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और मंगल पांडेय ने मुलाकात कर चर्चा की। इससे पहले चिराग ने स्पष्ट कर दिया था कि सीट बंटवारे की बात केवल बीजेपी से होगी, न कि जेडीयू से।
‘अबकी बार, युवा बिहारी’ सीएम पद की महत्वाकांक्षा?
एलजेपी द्वारा बुधवार सुबह ‘अबकी बार, युवा बिहारी’ का नारा देते हुए एक पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, जिससे चिराग की मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं। युवा नेता के रूप में चिराग खुद को बिहार के विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं।
बीजेपी पर बढ़ा दबाव
प्रशांत किशोर के साथ संभावित गठबंधन की अटकलों ने बीजेपी पर भी दबाव बढ़ा दिया है। लोजपा की तरफ से ‘सम्मानजनक’ सीटों की मांग की जा रही है। यदि चिराग एनडीए से अलग होकर प्रशांत किशोर के साथ चुनावी तालमेल करते हैं, तो यह बीजेपी की रणनीति को बड़ा झटका दे सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन, सीट बंटवारे और रणनीति को लेकर घमासान अपने चरम पर है। चिराग पासवान और प्रशांत किशोर की संभावित नजदीकियों ने इस चुनावी समर को और दिलचस्प बना दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि चिराग पासवान एनडीए के साथ बने रहते हैं या नया रास्ता चुनते हैं।