
बिहार में चुनावी मौसम के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नई राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं। खबर है कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान और रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन की संभावना बढ़ रही है। यह चर्चा तब शुरू हुई जब एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर चिराग पासवान असहज दिखाई दिए।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चिराग की पार्टी ने भाजपा से 40 सीटें मांग रखी हैं, जबकि भाजपा केवल करीब 20 सीटें देने को तैयार है। चिराग ने पिछले लोकसभा चुनावों में अपने स्ट्राइक रेट को आधार बनाकर यह मांग की है। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में लोजपा ने केवल पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और सभी पर जीत हासिल की थी। इस सफलता के कारण वे अधिक सीटों के हकदार हैं।
हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान का भाजपा से पूरी तरह अलग होना मुश्किल है। उनका स्ट्राइक रेट भाजपा के साथ रहने की वजह से बेहतर रहा है। साथ ही भाजपा का वोट ट्रांसफर चिराग के पक्ष में सकारात्मक रहा है। फिर भी, सीट बंटवारे को लेकर असमंजस के कारण चिराग के द्वारा प्रशांत किशोर से गठबंधन करने की अटकलें तेज हुई हैं।
प्रशांत किशोर, जो पहली बार चुनावी राजनीति में सक्रिय हैं, एक मजबूत और स्थिर वोट बैंक वाली पार्टी के साथ गठबंधन की तलाश में हैं। बिहार में ‘बिहार और युवा पहले’ के नारे के समर्थक चिराग के लिए यह गठबंधन राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि भाजपा और जदयू लोकसभा चुनावों में सभी सीटें जीत पाने में सफल नहीं रहे हैं, इसलिए चिराग की मांगें जायज हैं और उन्हें चुनावी गठबंधन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
बिहार की राजनीतिक पटल पर यह नए समीकरण आगामी चुनावों में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और आने वाले दिनों में इस विषय पर सियासी बयानबाजी और हलचल और तेज होने की संभावना है।