Bihar News: पटना में सड़क बनी ‘जाल’! पानी से भरे गड्ढे में गिरी SUV, महिला ड्राइवर ने लगाया बड़ा आरोप

Bihar News: पटना में सड़क बनी ‘जाल’! पानी से भरे गड्ढे में गिरी SUV, महिला ड्राइवर ने लगाया बड़ा आरोप
Bihar News: पटना में सड़क बनी ‘जाल’! पानी से भरे गड्ढे में गिरी SUV, महिला ड्राइवर ने लगाया बड़ा आरोप

पटना: पटना रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जिसने न सिर्फ शहर की बदहाल सड़कों की पोल खोल दी, बल्कि राजनीति का रंग भी ले लिया। पांच यात्रियों को लेकर जा रही एक काली रंग की Mahindra Scorpio-N SUV अचानक पानी से भरे एक गहरे गड्ढे में समा गई। कार की ड्राइवर, भागलपुर निवासी नीतू सिंह चौबे, ने इसे “सरकार को बदनाम करने की साजिश” करार दिया है।

वीडियो वायरल, लोग हैरान

यह घटना सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पूरी SUV गड्ढे में डूबी हुई है और कुछ लोग ऊपर चढ़कर अंदर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो ने आम लोगों और विपक्षी दलों को शहर की बदहाल बुनियादी सुविधाओं पर सवाल उठाने का मौका दे दिया।

ड्राइवर का बयान: “20 दिन से गड्ढा खुला था”

ड्राइवर नीतू सिंह ने ANI से बातचीत में बताया,

यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि चुनावी मौसम में सरकार को बदनाम करने की साजिश है। हमने डीएम से बात की, उन्होंने भी यही बात मानी।”

उन्होंने आगे बताया कि यह गड्ढा पिछले 20 दिनों से खुला पड़ा था, लेकिन वहां कोई चेतावनी बोर्ड या बैरिकेड नहीं लगाया गया था।

अगर किसी की जान चली जाती, तो जिम्मेदार कौन होता?

दो घटनाएं एक ही जगह पर

नीतू सिंह ने खुलासा किया कि SUV के गिरने के बाद भी एक अन्य बाइक सवार उसी गड्ढे में गिर गया। सौभाग्य से, सभी लोग सुरक्षित हैं और किसी को गंभीर चोट नहीं आई। लेकिन यह घटना, शहर की खस्ताहाल सड़कों और बुनियादी ढांचे की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

जिम्मेदार कौन?

इस मामले में ड्राइवर ने सीधे तौर पर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (BUIDCO) को जिम्मेदार ठहराया। सवाल उठते हैं:

  • जब गड्ढा पहले से मौजूद था, तो चेतावनी बोर्ड क्यों नहीं लगाया गया?
  • क्या चुनावी मौसम में ऐसे गड्ढे जानबूझकर छोड़े जा रहे हैं?
  • क्या प्रशासन सच में इसे सिर्फ “साजिश” मानकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है?

विपक्ष ने साधा निशाना

घटना के बाद विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। राजद प्रवक्ता ने ट्वीट किया:

“पटना की सड़कों में गड्ढे नहीं, गड्ढों में पटना की सड़कें हैं। ये है ‘विकास’ का हाल!”

सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

लोगों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा:

  • “क्या सरकार अब गड्ढों के लिए भी विपक्ष को दोष देगी?”
  • “बिहार में सड़कें हैं या वाटर पार्क?”
  • “यात्री बच गए, लेकिन व्यवस्था डूब गई।”

क्या होगा आगे?

घटना के बाद प्रशासन की नींद टूटी है और गड्ढे को भरने का काम शुरू हो गया है। लेकिन असली सवाल यह है क्या किसी के गिरने का इंतजार ही ज़िम्मेदारी निभाने का नया तरीका बन गया है?

यह घटना सिर्फ एक कार के गिरने की नहीं है, यह बुनियादी नागरिक सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर तमाचा है। चुनावी मौसम में जहां सरकारें विकास के वादे करती हैं, वहीं सड़कों के गड्ढे जनता से उसका भरोसा छीनते नजर आते हैं।

अब देखना यह है कि क्या प्रशासन वास्तविक सुधार करेगा या इसे महज एक ‘राजनीतिक साजिश’ कहकर टाल देगा?

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।