Bihar News: तेज प्रताप यादव ने VVIP पार्टी से किया गठबंधन, बिहार चुनाव में ‘हेलीकॉप्टर बाबा’ के साथ उतरेंगे मैदान में

Bihar News: तेज प्रताप यादव ने VVIP पार्टी से किया गठबंधन, बिहार चुनाव में ‘हेलीकॉप्टर बाबा’ के साथ उतरेंगे मैदान में
Bihar News: तेज प्रताप यादव ने VVIP पार्टी से किया गठबंधन, बिहार चुनाव में ‘हेलीकॉप्टर बाबा’ के साथ उतरेंगे मैदान में

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ देते हुए VVIP पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को पटना के मौर्य होटल में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गठबंधन की औपचारिक घोषणा की गई। अब तेज प्रताप और VVIP पार्टी प्रमुख प्रदीप निषाद, जिन्हें ‘हेलीकॉप्टर बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में मिलकर सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे।

टीम तेज प्रताप का विस्तार

राजद से दूरी बना चुके तेज प्रताप यादव ने कुछ महीने पहले ही ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाई थी। पारिवारिक विवादों और अनुष्का प्रकरण के बाद लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद से ही तेज प्रताप की अगली राजनीतिक रणनीति को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। आज के गठबंधन के ऐलान के साथ इन अटकलों पर विराम लग गया है।

तेज प्रताप का बयान: “मुझे पद का कोई लोभ नहीं”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेज प्रताप ने साफ कहा,

“मैं न पद चाहता हूं, न सत्ता की भूख है। हम यादव और मुस्लिम समाज को साथ लेकर चलेंगे। अगर राजद को हमारे साथ आना है तो आए, लेकिन मैं जयचंदों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहता। तेजस्वी के साथ जो साजिश रची जा रही है, उसका पर्दाफाश जल्द होगा।”

उन्होंने दावा किया कि जनता का उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है और उन्होंने सभी दलों, यहां तक कि राजद और कांग्रेस को भी अपने गठबंधन में शामिल होने का आमंत्रण दिया है।

VVIP पार्टी कौन है?

तेज प्रताप यादव का गठबंधन VVIP पार्टी से हुआ है, जिसके प्रमुख प्रदीप निषाद हैं। यह पार्टी मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी से अलग होकर बनी है। प्रदीप निषाद की पहचान ‘हेलीकॉप्टर बाबा’ के नाम से भी होती है, और वे बिहार की राजनीति में पिछड़े और वंचित वर्गों की आवाज़ बनने का दावा करते रहे हैं।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

तेज प्रताप यादव के इस कदम ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां एक ओर यह गठबंधन राजद के लिए सीधी चुनौती मानी जा रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी खेमे में भी इस नई धुरी को लेकर चिंता और उत्सुकता दोनों देखी जा रही हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि चुनाव से ठीक पहले तेज प्रताप का यह गठबंधन सियासी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है, खासकर यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है।

क्या अब तेज प्रताप बनेंगे अलग राजनीतिक ताकत?

अब सवाल ये है कि क्या तेज प्रताप यादव इस गठबंधन के जरिए अपनी अलग राजनीतिक जमीन तैयार कर पाएंगे? क्या यह कदम उन्हें उनके पिता और भाई की छाया से बाहर निकाल पाएगा? बहरहाल, बिहार की चुनावी जंग दिलचस्प मोड़ ले चुकी है और आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि तेज प्रताप का यह कदम राजनीति में ‘टर्निंग पॉइंट’ बनता है या नहीं।