
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे पर तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को अपने वफादार नेताओं को पार्टी का चुनाव चिह्न बांट दिया।
पटना स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी, जब लालू-राबड़ी की जोड़ी दिल्ली से IRCTC घोटाले में कोर्ट में पेशी के बाद लौटी।
पार्टी हाईकमान से फोन कॉल मिलने के बाद कई नेता पार्टी कार्यालय पहुंचे और चुनाव चिह्न प्राप्त किया। कई चेहरे खुशी से दमकते नजर आए, हालांकि यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि इनमें से कितनों को आधिकारिक तौर पर टिकट मिला है।
चुनाव आयोग ने जारी की दूसरे चरण की अधिसूचना
इसी बीच सोमवार को चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत 122 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं पहले चरण के नामांकन के लिए अब सिर्फ तीन दिन बाकी हैं और अधिकतर राजनीतिक दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूची घोषित नहीं की है।
जेडीयू छोड़कर आए नेताओं को मिला आरजेडी का टिकट
आरजेडी ने कई प्रमुख चेहरों को चुनाव चिह्न सौंपा, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से आए नेता भी शामिल हैं। परबत्ता सीट से हाल ही में जेडीयू छोड़ने वाले सुनील सिंह को आरजेडी का प्रतीक चिह्न मिला। इसके अलावा, मटिहानी से कई बार विधायक रह चुके नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो को भी टिकट मिलने के संकेत हैं।
वहीं पार्टी के मौजूदा विधायकों में भाई वीरेंद्र, मधेपुरा से चंद्रशेखर यादव और कांटी से इसराइल मंसूरी को भी चुनाव चिह्न सौंपा गया। ये नेता राबड़ी आवास से बाहर निकलते हुए पार्टी प्रतीक चिह्न दिखाते नजर आए।
2024 लोकसभा चुनाव वाली रणनीति दोहराई
लालू यादव का यह कदम 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति की याद दिलाता है, जब उन्होंने गठबंधन के साझेदारों की सहमति के बिना कई उम्मीदवारों को टिकट दे दिए थे। इस बार भी कुछ वैसा ही होता दिख रहा है।
चुनाव की तिथियां
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर अब तक तस्वीर साफ न होना और लालू प्रसाद यादव द्वारा एकतरफा टिकट वितरण से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि यह रणनीति पार्टी के लिए कितनी कारगर साबित होती है।