BJP ने उत्तराखंड शहरी निकाय चुनावों में रचा इतिहास, 11 में से 10 मेयर सीटों पर कब्जा

BJP ने उत्तराखंड शहरी निकाय चुनावों में रचा इतिहास, 11 में से 10 मेयर सीटों पर कब्जा
BJP ने उत्तराखंड शहरी निकाय चुनावों में रचा इतिहास, 11 में से 10 मेयर सीटों पर कब्जा

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 में से 10 मेयर सीटों पर जीत दर्ज की है। यह भाजपा के लिए बड़ी राजनीतिक जीत साबित हुई है, जबकि कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वह एक भी मेयर सीट पर कब्जा नहीं जमा सकी।

भाजपा का दबदबा, एक सीट निर्दलीय के नाम

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि 11 में से 10 मेयर सीटें भाजपा ने जीतीं, जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। हालांकि, शनिवार को शुरू हुई मतगणना अभी भी जारी है और 23 जनवरी को हुए चुनावों के सभी 100 शहरी स्थानीय निकायों के नतीजे दोपहर तक आने की उम्मीद है।

चुनाव का व्यापक पैमाना

23 जनवरी को 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद और 46 नगर पंचायतों के लिए मतदान हुआ था। इन चुनावों में कुल 5,405 उम्मीदवार मैदान में थे। 11 मेयर पदों के लिए 72 उम्मीदवार, नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 445 और पार्षद व सदस्य पदों के लिए 4,888 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इस बार मतदान 65.4 प्रतिशत रहा।

भाजपा के विजयी मेयर उम्मीदवार

भाजपा ने जिन 10 नगर निगमों में जीत हासिल की, उनमें देहरादून (सौरभ थपलियाल), ऋषिकेश (शंभु पासवान), काशीपुर (दीपक बाली), हरिद्वार (किरण जैसवाल), रुड़की (अनीता देवी), कोटद्वार (शैलेंद्र रावत), रुद्रपुर (विकास शर्मा), अल्मोड़ा (अजय वर्मा), पिथौरागढ़ (कल्पना देवलाल) और हल्द्वानी (गजराज बिष्ट) शामिल हैं।

सिर्फ श्रीनगर में निर्दलीय की जीत

पौड़ी जिले के श्रीनगर नगर निगम की मेयर सीट निर्दलीय उम्मीदवार अर्ति भंडारी के नाम रही।

कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला

सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा, जो इस बार एक भी मेयर सीट जीतने में नाकाम रही। 2018 के पिछले शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस ने दो मेयर सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया।

भाजपा की जीत पर क्या बोले नेता

भाजपा की इस प्रचंड जीत पर पार्टी नेताओं ने कहा कि यह जनता का विश्वास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए गए विकास कार्यों का नतीजा है। कांग्रेस की हार पर भाजपा ने कहा कि यह पार्टी की नीतियों और नेतृत्व में जनता के विश्वास की कमी को दर्शाता है।

आगे की राह

इस जीत के बाद भाजपा ने राज्य में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। अब देखना होगा कि विपक्षी दल कांग्रेस इन नतीजों से क्या सबक लेती है और अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है।

Digikhabar Editorial Team
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