
नई दिल्ली: असीम अरुण, जो अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपनी उन यादों को ताजा किया जब वे 2004 से करीब तीन साल तक डॉ. मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रहे थे। असीम अरुण ने पीएम की सुरक्षा से जुड़ी अपनी भूमिका और उनके साथ बिताए खास पलों को साझा किया।
असीम अरुण ने बताया कि एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरूनी हिस्सा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम (CPT)। यह वही टीम होती है जो प्रधानमंत्री के साथ हर समय रहती है और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाती है। असीम अरुण को एआईजी सीपीटी बनने का मौका मिला था, जिसका मतलब था कि उन्हें डॉ. मनमोहन सिंह के साथ उनकी परछाई की तरह हर समय रहना था।
मनमोहन सिंह का सादगीपूर्ण जीवन
असीम अरुण ने बताया कि डॉ. मनमोहन सिंह की जीवनशैली बहुत सादी और आम आदमी जैसी थी। उन्होंने कहा, “डॉ. साहब की एक ही कार थी – मारुति 800, जो पीएम हाउस में खड़ी चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे रहती थी।” अरुण के मुताबिक, डॉ. मनमोहन सिंह बार-बार कहते थे कि उन्हें इस कार में चलना पसंद नहीं है, और उनकी गाड़ी तो यह मारुति है। असीम अरुण ने उन्हें समझाया कि यह गाड़ी उनके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, बल्कि इसके सुरक्षा फीचर्स एसपीजी द्वारा चुने गए हैं। लेकिन जब वह कारकेड मारुति के सामने से निकलता, तो डॉ. मनमोहन सिंह उसे बड़े ध्यान से देखते थे। यह उनके मिडिल क्लास जीवन और आम आदमी के प्रति उनकी चिंता को दर्शाता था।
डॉ. मनमोहन सिंह का बड़ा योगदान
असीम अरुण ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह न केवल एक वरिष्ठ नेता थे, बल्कि उन्होंने हमेशा देश के हित में फैसले लिए और अपने कार्यकाल में सादगी और ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनका प्रधानमंत्री बनने का सफर भी एक मिसाल था, क्योंकि उन्होंने आर्थिक सुधारों से लेकर देश की सुरक्षा तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए।
असीम अरुण की इस श्रद्धांजलि में यह साफ नजर आता है कि डॉ. मनमोहन सिंह का प्रभाव केवल उनके कार्यों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उनकी जीवनशैली और सरलता ने भी लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई थी।
असीम अरुण की यादें
असीम अरुण ने कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम किया और उनकी सुरक्षा के दौरान उन्हें उनकी सादगी और निष्ठा से प्रभावित होने का अवसर मिला। उनका कहना था कि डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति उनकी श्रद्धा और सम्मान कभी कम नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने देश के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की।यह श्रद्धांजलि उन पलों को याद करने का एक जरिया है जब असीम अरुण ने डॉ. मनमोहन सिंह के साथ अपने कार्यकाल में उन्हें एक नेता से ज्यादा एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में देखा।