विपक्ष को गायब कर मोदी सरकार ने आम जनता के पेट पर मारा लात, संसद ने पारित किया नया आयकर विधेयक

विपक्ष को गायब कर मोदी सरकार ने आम जनता के पेट पर मारा लात, संसद ने पारित किया नया आयकर विधेयक
विपक्ष को गायब कर मोदी सरकार ने आम जनता के पेट पर मारा लात, संसद ने पारित किया नया आयकर विधेयक

नई दिल्ली: संसद ने मंगलवार को छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने वाले नए आयकर विधेयक, 2025 को पारित कर दिया। यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। खास बात यह रही कि यह विधेयक उस समय पारित हुआ जब राज्यसभा में विपक्ष का एक भी सांसद मौजूद नहीं था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा कि इस नए कानून का उद्देश्य केवल भाषा को सरल बनाना और कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विधेयक में कोई नया कर लागू नहीं किया गया है।

सीतारमण ने बताया कि नया आयकर विधेयक पुराने कानून की तुलना में काफी संक्षिप्त और स्पष्ट है। पुराने कानून में जहां 819 धाराएं और 47 अध्याय थे, वहीं अब इसे घटाकर 536 धाराएं और 23 अध्याय कर दिया गया है। कुल शब्दों की संख्या भी 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दी गई है। इसके अलावा, 39 नए टेबल और 40 नए फॉर्मूले शामिल किए गए हैं, ताकि जटिल कानूनी भाषा के बजाय डेटा-संचालित स्पष्टता मिल सके।

उन्होंने कहा, “ये बदलाव केवल सतही नहीं हैं; यह एक नई, सरल कर व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम है।”

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्पष्ट निर्देश थे कि चाहे कोविड हो या न हो, जनता पर कर का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने विपक्ष की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मैं हैरान हूं कि विपक्ष इस ऐतिहासिक बहस में भाग नहीं लेना चाहता।” विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा से वॉकआउट किया था।

सीतारमण ने कहा कि विधेयक का मसौदा रिकॉर्ड 6 महीनों में तैयार किया गया और इसके लिए आयकर विभाग के अधिकारियों ने लगभग 75,000 घंटे काम किया। आने वाले समय में मंत्रालय एफएक्यू (FAQs) और सूचनात्मक दस्तावेज जारी करेगा, ताकि करदाताओं को बेहतर जानकारी मिल सके। नए कानून को लागू करने के लिए आयकर विभाग के आईटी सिस्टम को भी पूरी तरह से अपडेट किया जाएगा।

इसके साथ ही राज्यसभा ने कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2025 को भी पारित कर दिया, जिसमें खोज मामलों में ब्लॉक असेसमेंट की प्रक्रिया में बदलाव और सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश फंड को प्रत्यक्ष कर लाभ देने का प्रावधान शामिल है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नई पेंशन योजना (NPS) के तहत मिलने वाले सभी कर लाभ अब पेंशन योजना (UPS) पर भी लागू होंगे, जिसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है।

यह नया आयकर विधेयक भारत की कर व्यवस्था के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि विपक्ष की गैरमौजूदगी में यह ऐतिहासिक कानून पारित हुआ। अब देखना होगा कि इसके लागू होने के बाद आम करदाताओं के लिए कर भुगतान की प्रक्रिया कितनी सरल और पारदर्शी होती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।