Chess: भारत ने रचा इतिहास, पुरुष और महिला दोनों टीमों ने जीते शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक

Chess: भारत ने रचा इतिहास, पुरुष और महिला दोनों टीमों ने जीते शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक
Chess: भारत ने रचा इतिहास, पुरुष और महिला दोनों टीमों ने जीते शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक

भारत ने रविवार को शतरंज में इतिहास रच दिया, जब उसकी पुरुष और महिला दोनों टीमों ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। फाइनल राउंड में, पुरुष टीम ने स्लोवेनिया पर जीत हासिल की, जिसमें डी गुकेश, अर्जुन एरिगैसी और आर प्रज्ञानंदधा ने अपने-अपने मैच जीते। महिला टीम ने अजरबैजान पर दबदबा बनाते हुए 3.5-0.5 से जीत दर्ज की और खिताब अपने नाम किया।

रमेश बाबू के परिवार के लिए दोहरा जश्न था, क्योंकि उनके दोनों बच्चों, आर प्रज्ञानंदधा और आर वैशाली ने अपनी-अपनी टीमों की जीत में अहम भूमिका निभाई। ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंदधा जहां पुरुष टीम में अहम खिलाड़ी थे, वहीं उनकी बड़ी बहन वैशाली ने महिलाओं की जीत में अहम योगदान दिया।

चेसबेस इंडिया द्वारा पोस्ट किया गया एक वीडियो, जिसमें प्रज्ञानंदधा, वैशाली और उनकी मां नागलक्ष्मी जीत का जश्न मना रहे थे, तेजी से वायरल हो गया। कई उपयोगकर्ताओं ने टिप्पणी की, “वास्तव में एक गौरवान्वित मां,” जो व्यापक खुशी को दर्शाता है।

रमेश बाबू ने अपने दोनों बच्चों की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की सफलता ने देश में इस खेल की ओर अधिक ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा, “शतरंज बहुत लोकप्रिय हो गया है, क्रिकेट के बाद दूसरे स्थान पर है। अधिक से अधिक युवा इसे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ करियर के विकल्प के रूप में अपना रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि प्रज्ञानंद और वैशाली दोनों ही आगे की सफलता के लिए प्रयासरत हैं, जिसका अंतिम लक्ष्य विश्व चैंपियन बनना है। रमेश बाबू ने कहा, “उन्हें अपनी रेटिंग में सुधार करते रहना चाहिए और अभी उनका ध्यान इसी पर है।”

Digikhabar Editorial Team
DigiKhabar.in हिंदी ख़बरों का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम है जिसका ध्येय है "केवलं सत्यम" मतलब केवल सच सच्चाई से समझौता न करना ही हमारा मंत्र है और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारा उद्देश्य.