नई दिल्ली: दीवाली के ठीक बाद उत्तर भारत, विशेषकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में श्रद्धा और आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत होती है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इसमें सूर्य देव व छठी मैया की पूजा की जाती है। साल 2025 में छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से हो रही है। आइए जानें छठ पर्व की सभी तिथियां, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
छठ पूजा 2025 की तिथियां और विवरण
- नहाय-खाय – 25 अक्टूबर (शनिवार)
छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय खाय से होती है। इस दिन व्रती पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। भोजन में चने की दाल, लौकी की सब्जी और अरवा चावल शामिल होता है। इस दिन सूर्य देव और कुलदेवता की पूजा की जाती है। - खरना – 26 अक्टूबर (रविवार)
खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को गुड़-चावल की खीर और रोटी का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया जाता है। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जल व्रत शुरू होता है। - संध्या अर्घ्य – 27 अक्टूबर (सोमवार)
कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ पूजा का मुख्य दिन होता है। इस दिन व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।- षष्ठी तिथि प्रारंभ: 27 अक्टूबर को सुबह 6:04 बजे
- सूर्यास्त का समय: शाम 5:40 बजे
- उषा अर्घ्य और व्रत समाप्ति – 28 अक्टूबर (मंगलवार)
सप्तमी तिथि के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ व्रत का समापन होता है।- षष्ठी तिथि समाप्ति: सुबह 7:59 बजे
- सूर्योदय का समय: सुबह 6:30 बजे
छठ पूजा का धार्मिक महत्व
छठ पूजा सूर्य उपासना और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व है। इस व्रत में छठी मैया की भी पूजा की जाती है, जिन्हें संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। यह व्रत अत्यंत कठिन होता है, क्योंकि इसमें उपवासी बिना जल ग्रहण किए लगातार 36 घंटे व्रत रखते हैं।
छठ पूजा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि जीवनशैली और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। साफ-सफाई, अनुशासन और श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व सामाजिक एकता और पारिवारिक समर्पण की मिसाल है। वर्ष 2025 में यदि आप छठ व्रत रखने जा रहे हैं, तो उपरोक्त तिथियों और समय का ध्यान रखकर पूजा विधि का पालन करें और सूर्य देव से परिवार की मंगलकामना करें।