पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि वह महागठबंधन में कभी वापस नहीं जाएंगे और राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ अपनी पिछली साझेदारियों को एक बड़ी गलती बताया, जिसे वह अब नहीं दोहराएंगे।
नीतीश कुमार ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, “हमने दो बार महागठबंधन में जाने की गलती की। अब हम तय कर चुके हैं कि यह कभी नहीं होगा। यह गलत था।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था और उस फैसले को वह कभी नहीं भूल सकते।
नीतीश कुमार, जो कि जनता दल (युनाइटेड) के नेता हैं, ने हाल के महीनों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ अपने समर्पण को बार-बार दोहराया है, खासकर जब राज्य में आगामी चुनाव करीब आ रहे हैं। उन्होंने अपने लंबे समय तक भाजपा से जुड़े रिश्तों और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ की अपनी नजदीकी को इस फैसले का कारण बताया।
नीतीश कुमार ने जनवरी 2025 में कहा था, “यह अटल जी थे जिन्होंने मुझे केंद्रीय मंत्री बनाया था। उन्होंने मुझ पर बहुत स्नेह दिखाया। मुझे कभी कोई समस्या नहीं आई।” उन्होंने यह भी बताया कि 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में जब NDA ने जीत हासिल की थी, तब यह वाजपेयी जी की इच्छा थी कि वह मुख्यमंत्री बनें।
यह बयान उस समय आया है जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वह नीतीश कुमार के लिए “दरवाजे खुले रखेंगे”, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी चुनाव के लिए कुमार को NDA का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने पर संकोच किया।