
दिल्ली का तापमान गिरता जा रहा है लेकिन वहीं चुनावी तापमान बढ़ता जा रहा है। विधानसभा चुनाव 2025 के लिए कांग्रेस पार्टी ने महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं, जो राज्य की बेरोजगार और युवा आबादी को आकर्षित करने की दिशा में बड़ी पहल हो सकती हैं। 12 जनवरी को कांग्रेस ने अपने “युवा उड़ान योजना” के तहत दिल्ली के शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं को एक साल तक हर महीने 8,500 रुपये देने का वादा किया है, यदि पार्टी सत्ता में आती है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा, “दिल्ली के लोग 5 फरवरी को नया सरकार चुनने जा रहे हैं… हम दिल्लीवासियों के लिए कुछ गारंटियाँ देने जा रहे हैं। आज हमारी पार्टी ने निर्णय लिया है कि हम दिल्ली के उन शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं को एक साल तक हर महीने 8,500 रुपये देंगे। यह केवल वित्तीय सहायता नहीं है। हम कोशिश करेंगे कि उन्हें उसी उद्योग में जो उन्होंने सीखा है, रोजगार मिल सके।”
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने हैं और मतगणना 8 फरवरी को होगी। 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने क्रमशः 67 और 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 2015 में तीन और 2020 में आठ सीटें मिलीं, वहीं कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी।
कांग्रेस ने की पूर्वांचलियों के लिए घोषणाएं
इस चुनावी समर में कांग्रेस ने एक और रणनीतिक कदम उठाया है। पार्टी ने पूर्वांचल समुदाय के वोटरों को आकर्षित करने के लिए विशेष घोषणा की है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो दिल्ली में एक समर्पित छठ घाट का निर्माण किया जाएगा। यह छठ घाट यमुनापार स्थित होगा और इसे “शारदा सिन्हा घाट” नाम दिया जाएगा, जो पिछले साल दिवंगत हुई बिहारी लोक गायिका शारदा सिन्हा के सम्मान में होगा।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस योजना की घोषणा करते हुए बीजेपी और AAP पर आरोप लगाया कि दोनों पार्टियाँ पूर्वांचली वोटरों का केवल राजनीतिक लाभ उठाती हैं, लेकिन समुदाय के प्रति सच्चे सम्मान और पहचान की कोई पहल नहीं करतीं। कांग्रेस की इस घोषणा से पार्टी का उद्देश्य दिल्ली में पूर्वांचलियों के बीच अपनी पैठ बनाना और उनके धार्मिक व सांस्कृतिक आवश्यकताओं को प्राथमिकता देना है।
कांग्रेस की इन घोषणाओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई सरगर्मी पैदा कर दी है। पार्टी का लक्ष्य अब बेरोजगार युवाओं से लेकर पूर्वांचल समुदाय तक, विभिन्न वर्गों को आकर्षित करना है। 5 फरवरी को होने वाले चुनाव में दिल्लीवासी यह तय करेंगे कि कांग्रेस की ये घोषणाएं कितनी प्रभावी साबित होती हैं।