
जयपुर/मुंबई: राजस्थान के चर्चित कन्हैया लाल टेलर मर्डर केस पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। फिल्म की 11 जुलाई को प्रस्तावित रिलीज से पहले ही कई संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए बैन की मांग शुरू कर दी है।
अबू आजमी ने विधानसभा में उठाया मुद्दा
समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने महाराष्ट्र विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि
“यह फिल्म समाज में नफरत फैलाने का काम कर सकती है और इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।”
उन्होंने मांग की कि फिल्म को तुरंत बैन किया जाए ताकि राज्य में शांति बनी रहे।
जमीयत उलेमा ए हिंद और जमाअत ए इस्लामी की भी आपत्ति
इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि फिल्म में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले दृश्य हैं और यह समाज में धार्मिक तनाव को बढ़ावा दे सकती है।
इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से फिल्म का ट्रेलर हटाने की भी मांग की गई है।
किस पर आधारित है ‘उदयपुर फाइल्स’?
‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म 28 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैया लाल साहू की निर्मम हत्या पर आधारित है। कन्हैया लाल की हत्या उस समय कर दी गई थी जब वह अपनी दुकान में ग्राहक का नाप ले रहे थे। हमलावरों ने सिर कलम कर इस पूरी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया और बाद में वीडियो को इंटरनेट पर पोस्ट कर दिया। इस भयावह वारदात से पूरे देश में आक्रोश और आंतरिक असुरक्षा की भावना फैल गई थी।
कौन है अमित जानी
अमित जानी एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और फिल्म निर्माता हैं, जो अक्सर अपने बयानों और प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा में रहते हैं। मूल रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले जानी हिंदू राष्ट्रवाद से जुड़ी विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्माण किया है जिनमें संवेदनशील और राजनीतिक रूप से विवादास्पद विषयों को उठाया गया है। इससे पहले उनकी कई फिल्मों को भी काफ़ी विरोध और आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब उनकी नई फिल्म ‘Udaipur Files’, जो कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है, फिर से विवादों में है — कई संगठनों का कहना है कि यह धार्मिक विद्वेष को बढ़ावा दे सकती है। अमित जानी खुद को राष्ट्रवादी बताते हैं, लेकिन उनके काम को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं।
फिल्म को लेकर बढ़ती मांग और बढ़ता विरोध
जहां कुछ वर्ग फिल्म को सच्चाई पर आधारित बताते हुए रिलीज की वकालत कर रहे हैं, वहीं दूसरे पक्ष का मानना है कि यह फिल्म धार्मिक भावनाओं को भड़काने का जरिया बन सकती है। रिलीज से पहले ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में फिल्म को लेकर टकराव का माहौल बन चुका है।
‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर राजनीतिक और सामाजिक विवाद लगातार बढ़ रहा है। फिल्म की रिलीज को लेकर कानूनी और प्रशासनिक फैसलों पर अब सभी की नजरें टिकी हैं। आने वाले दिनों में कोर्ट और सेंसर बोर्ड का रुख यह तय करेगा कि फिल्म 11 जुलाई को रिलीज हो पाएगी या नहीं।