नई दिल्ली: कोरोना वायरस एक बार फिर वैश्विक स्तर पर हलचल मचा रहा है। एशिया के कई देशों—जैसे हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड—में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसका असर भारत तक पहुंचा है, हालांकि फिलहाल देश में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई 2025 तक भारत में कुल 257 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं, जिनमें से अधिकांश को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
बॉलीवुड और क्रिकेट से जुड़ी हस्तियां भी आईं चपेट में
वायरस की यह नई लहर अब मनोरंजन और खेल जगत तक भी पहुंच गई है। बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शिरोडकर और आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के बल्लेबाज़ ट्रैविस हेड हाल ही में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि संक्रमण धीरे-धीरे फिर से विभिन्न वर्गों को प्रभावित कर रहा है।
ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट JN.1
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार संक्रमण की वृद्धि के पीछे ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट JN.1 और इसके सब-वैरिएंट्स—जैसे LF.7 और NB.1.8—जिम्मेदार हैं। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने JN.1 को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं, जिससे यह अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। हालांकि अभी तक इसे अत्यधिक घातक नहीं माना गया है।
भारत में उछाल
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ते मामलों की एक बड़ी वजह जनसंख्या में इम्यूनिटी यानी एंटीबॉडी लेवल में गिरावट हो सकती है। भारत में भी तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में संक्रमण के मामलों में हल्की वृद्धि दर्ज की जा रही है, जो सतर्कता का संकेत है।
सरकार की अपील
स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने नागरिकों से निम्नलिखित सावधानियां बरतने की अपील की है:
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
- हाथों की सफाई का ध्यान रखें और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
- अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर उन देशों की ओर जहां संक्रमण बढ़ रहा है
- बूस्टर डोज़ पर विचार करें, विशेष रूप से बुजुर्गों और गंभीर रोगियों के लिए
- बच्चों और पहले से बीमार लोगों की अतिरिक्त सुरक्षा करें
निष्कर्ष
कोविड-19 की पिछली लहरों के मुकाबले मौजूदा हालात ज्यादा गंभीर नहीं हैं, लेकिन वैश्विक घटनाक्रम को देखते हुए भारत को भी सतर्क रहना होगा। समय रहते उठाए गए छोटे-छोटे कदम इस संभावित संकट को बड़ी चुनौती बनने से रोक सकते हैं। जैसा कि विशेषज्ञ कहते हैं—घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहना ही समझदारी है।