Maharashtra Politics: Devendra Fadnavis बनेंगे नए मुख्यमंत्री! 5 दिसंबर को शपथ लेगी महायुति गठबंधन की नई सरकार

Maharashtra Politics: Devendra Fadnavis बनेंगे नए मुख्यमंत्री! 5 दिसंबर को शपथ लेगी महायुति गठबंधन की नई सरकार
Maharashtra Politics: Devendra Fadnavis बनेंगे नए मुख्यमंत्री! 5 दिसंबर को शपथ लेगी महायुति गठबंधन की नई सरकार

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की नई सरकार 5 दिसंबर को शपथ लेगी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे हैं। यह जानकारी 30 नवंबर को भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दी। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद सरकार गठन की प्रक्रिया में कुछ देरी हुई है।

महायुति गठबंधन की चुनावी सफलता

20 नवंबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन को 288 सीटों में से 230 सीटें मिलीं, जिससे इस गठबंधन ने राज्य में सत्ता बनाए रखी। भाजपा, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मिलकर यह बहुमत हासिल किया। भाजपा ने 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए अन्य सहयोगी दलों के मुकाबले अधिक सीटें जीतीं। शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीटों पर जीत हासिल की।

मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे

चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित होने के बाद से मुख्यमंत्री के नाम पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया गया था। हालांकि, भाजपा नेता ने पुष्टि की है कि 5 दिसंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस बार मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रमुख उम्मीदवार हैं, जो पहले दो बार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं।

इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक 28 नवंबर को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ हुई थी, जिसमें सत्ता-साझाकरण समझौते को अंतिम रूप दिया गया। भाजपा के वरिष्ठ नेता फडणवीस के नाम पर सहमति बनी है, और अजित पवार की राकांपा ने पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए उनका समर्थन किया है।

शिंदे और शिवसेना का रुख

कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भाजपा नेतृत्व को अपना पूरा समर्थन दिया है और मुख्यमंत्री के चयन में किसी भी प्रकार की बाधा डालने की कोशिश नहीं की है। शिंदे के इस रुख ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह महायुति की सरकार गठन में कोई रुकावट नहीं डालेंगे। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी इस बात पर जोर दिया कि पार्टी को सरकार में गृह विभाग पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए।

शिंदे की सकारात्मक छवि

संजय शिरसाट ने एकनाथ शिंदे की सकारात्मक छवि की सराहना की और कहा कि अगर उन्हें ढाई साल और मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का मौका मिलता, तो वे राज्य के लिए और भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते थे। शिरसाट ने यह भी कहा कि शिंदे की “आम आदमी” की छवि को व्यापक स्वीकार्यता मिली है, और उन्हें “गद्दार” (देशद्रोही) जैसे शब्दों से आलोचना किए जाने के बावजूद, उन्होंने अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

आगामी सत्ता-साझाकरण और गृह विभाग की अहमियत

शिरसाट ने इस बात पर भी जोर दिया कि पारंपरिक रूप से गृह विभाग उपमुख्यमंत्री के पास होता है, और मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस के पास यह विभाग होना उचित नहीं है। शिवसेना पार्टी गृह विभाग की जिम्मेदारी अपने पास रखना चाहती है, और शिरसाट ने यह भी कहा कि शिंदे के नेतृत्व में जो योजनाएं शुरू की गईं, उनका राज्य की राजनीति पर सकारात्मक असर पड़ा है।

अंत में

राज्य में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है और 5 दिसंबर को महायुति की सरकार शपथ लेगी। भाजपा और उनके सहयोगी दलों के बीच सत्ता-साझाकरण पर चर्चा चल रही है, जिसमें फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है। शिंदे और शिवसेना के सदस्य इसके लिए सहमत हैं, और अब यह देखना बाकी है कि सत्ता के बंटवारे में कौन सा विभाग किसे मिलता है।

Digikhabar Editorial Team
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