प्रयागराज: महाकुंभ मेले के पावन अवसर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी अपने परिवार सहित संगम पहुंचे और पवित्र स्नान कर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। अंबानी परिवार की इस यात्रा ने कुंभ के आध्यात्मिक माहौल को और भी खास बना दिया।
अंबानी परिवार ने किया पवित्र स्नान
मुकेश अंबानी के साथ उनकी माता कोकिलाबेन अंबानी, पुत्र अनंत अंबानी और आकाश अंबानी, आकाश की पत्नी श्लोका मेहता अंबानी, उनके बच्चे पृथ्वी और वेदा, तथा अन्य परिजन राधिका अंबानी, दीप्ति सालगांवकर, नीना कोठारी, पूर्णिमा दलाल और ममता दलाल भी इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बने।
सभी परिजन साधारण पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए। कड़ी सुरक्षा के बीच अंबानी परिवार अरैल घाट से नौका के माध्यम से संगम स्नान स्थल तक पहुंचा। मुकेश अंबानी और उनके पुत्रों ने नीले कुर्ता-पायजामा पहने हुए पवित्र डुबकी लगाई, जबकि आकाश अंबानी ने बहुरंगी कुर्ता धारण किया था। श्लोका मेहता अंबानी सफेद अनारकली सूट में नजर आईं, वहीं छोटे बच्चे पृथ्वी और वेदा ने मैचिंग टील कलर के आउटफिट पहने थे।
आध्यात्मिक गुरु से भेंट और सेवा कार्यों में भागीदारी
स्नान के बाद अंबानी परिवार परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया। परिवार ने इस दौरान जरूरतमंदों को मिठाइयां और जीवनरक्षक जैकेट वितरित किए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुंभ मेले में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए भोजन, परिवहन, विश्राम क्षेत्र उपलब्ध कराने के साथ-साथ पुलिस और लाइफगार्ड को भी आवश्यक सहयोग प्रदान किया है, जिससे कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिल सकें।
माघ पूर्णिमा पर विशेष महत्व
यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब माघ पूर्णिमा के अवसर पर कुंभ अपने चरम पर था। यह दिन कल्पवास के समापन का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु संगम तट पर एक महीने तक रहकर तपस्या और धार्मिक साधना करते हैं।
इस वर्ष कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं, जिससे इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता और भी बढ़ गई है। अंबानी परिवार की उपस्थिति इस परंपरा से उनके गहरे संबंध को दर्शाती है।
अनिल अंबानी भी हुए थे शामिल
गौरतलब है कि पिछले महीने मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी भी अपनी पत्नी, पूर्व अभिनेत्री टीना अंबानी के साथ प्रयागराज पहुंचे थे और महाकुंभ के धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया था।
अंबानी परिवार की इस यात्रा ने कुंभ मेले की धार्मिक भव्यता और भारतीय परंपराओं के प्रति उनकी आस्था को एक बार फिर उजागर किया है।