
बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पार्टी में किसी भी प्रकार के मतभेदों और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को सिरे से खारिज किया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन का ताज़ा बयान इन अटकलों को और बल दे रहा है।
“100 से ज़्यादा विधायक चाहते हैं बदलाव” – इकबाल हुसैन
कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि 100 से अधिक विधायक कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के पक्ष में हैं और वे डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा,
“सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि 100 से ज़्यादा विधायक बदलाव के पक्ष में हैं। वे सुशासन चाहते हैं और मानते हैं कि डी.के. शिवकुमार को एक मौका मिलना चाहिए। उन्होंने पार्टी को मज़बूती दी है और संगठन के लिए अथक मेहनत की है।”
हुसैन के इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल तेज़ कर दी है। डीके शिवकुमार इस समय कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं।
सिद्धारमैया ने दी प्रतिक्रिया – “ऐसी अटकलें न लगाएं”
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन चर्चाओं को नकारते हुए कहा,
“कांग्रेस पार्टी के भीतर कोई कलह नहीं है। मंत्री के. एन. राजन्ना ने सिर्फ इतना कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम का विकास हो रहा है। उन्होंने कहीं भी नेतृत्व परिवर्तन की बात नहीं की है।”
उन्होंने पत्रकारों से यह भी कहा कि ऐसी अटकलों को तूल न दिया जाए और इन खबरों को नज़रअंदाज़ करना ही बेहतर है।
राजन्ना का बयान और सियासी संकेत
सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना ने हाल ही में कहा था कि
“सितंबर के बाद राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम बदलेगा। पहले सत्ता का एक केंद्र था, अब कई हैं – एक, दो, तीन।”
उनके इस बयान को नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं से जोड़कर देखा गया, जिससे पार्टी के भीतर संभावित खेमेबाज़ी के संकेत मिले।
क्या फिर बदलेगा नेतृत्व?
कर्नाटक कांग्रेस में पिछले कुछ समय से सिद्धारमैया बनाम शिवकुमार की सियासत चर्चा का विषय रही है। हालाँकि पार्टी ने फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन को खारिज कर दिया है, लेकिन इकबाल हुसैन जैसे विधायकों के बयानों से साफ है कि पार्टी के भीतर सब कुछ शांत नहीं है। कांग्रेस हाईकमान की अगली रणनीति अब इस पूरे घटनाक्रम को किस तरह संभालती है, यह देखने वाली बात होगी।