ED ने अनिल अंबानी की बढ़ाई मुश्किलें, ओडिशा से कोलकाता तक फर्जी बैंक गारंटी रैकेट का पर्दाफाश

ED ने अनिल अंबानी की बढ़ाई मुश्किलें, ओडिशा से कोलकाता तक फर्जी बैंक गारंटी रैकेट का पर्दाफाश
ED ने अनिल अंबानी की बढ़ाई मुश्किलें, ओडिशा से कोलकाता तक फर्जी बैंक गारंटी रैकेट का पर्दाफाश

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फर्जी बैंक गारंटी रैकेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए ओडिशा और कोलकाता में एक साथ चार ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई, जिसमें करोड़ों रुपए के संदेहास्पद लेनदेन का खुलासा हुआ है। कार्रवाई दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई।

ईडी ने पीएमएलए (PMLA) के तहत मामला दर्ज करते हुए भुवनेश्वर स्थित Biswal Tradelink Pvt. Ltd. और उसके निदेशकों के तीन ठिकानों पर छापे मारे हैं। कोलकाता में भी एक सहयोगी ऑपरेटर के परिसर की तलाशी ली गई है।

जांच में सामने आया है कि Biswal Tradelink और इसके निदेशक कमीशन के तौर पर 8% राशि लेकर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में शामिल थे। यह कंपनी केवल कागज़ों पर मौजूद पाई गई और इसका रजिस्टर्ड कार्यालय एक रिहायशी संपत्ति में है, जहां से कोई वैध दस्तावेज बरामद नहीं हुए।

ईडी को कई अघोषित बैंक खातों का पता चला है जिनमें करोड़ों रुपए के लेनदेन दर्ज हैं। साथ ही, फर्जी बिलिंग और अन्य कंपनियों के साथ संदेहास्पद वित्तीय व्यवहार की भी पुष्टि हुई है। जांच में यह भी सामने आया कि मुख्य आरोपी Telegram ऐप के Disappearing Messages फीचर का उपयोग कर संवाद के सबूत मिटाने का प्रयास कर रहे थे।

एक बड़ा खुलासा यह हुआ है कि ₹68.2 करोड़ की एक फर्जी बैंक गारंटी, जो Reliance NU BESS Ltd और Maharashtra Energy Generation Ltd की ओर से Solar Energy Corporation of India Ltd (SECI) को सौंपी गई थी, पूरी तरह फर्जी पाई गई है। आरोपियों ने इस गारंटी को वैध दिखाने के लिए एक स्पूफ्ड ईमेल डोमेन s-bi.co.in का इस्तेमाल किया, जिससे State Bank of India (sbi.co.in) के नाम पर SECI को भ्रामक ईमेल भेजे गए।

ईडी ने अब नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) से s-bi.co.in डोमेन से जुड़ी रजिस्ट्रेशन जानकारी मांगी है।

गौरतलब है कि 24 जुलाई 2025 को अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर हुई छापेमारी के दौरान जब्त किए गए कुछ दस्तावेज और डिजिटल सबूत इस फर्जीवाड़े से जुड़े पाए गए हैं। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि यह रैकेट व्यापक नेटवर्क के साथ काम कर रहा था और इसमें उच्च स्तरीय कॉर्पोरेट और वित्तीय संस्थाएं भी निशाने पर आ सकती हैं।

ईडी की यह कार्रवाई वित्तीय अपराधों के खिलाफ एक सख्त कदम माना जा रहा है, और आने वाले दिनों में इसमें और बड़े खुलासे हो सकते हैं।