Farmer Protest: Delhi-Noida बॉर्डर पर यातायात बुरी तरह प्रभावित, पुलिस ने लगाए बैरिकेड्स

Farmer Protest: Delhi-Noida बॉर्डर पर यातायात बुरी तरह प्रभावित, पुलिस ने लगाए बैरिकेड्स
Farmer Protest: Delhi-Noida बॉर्डर पर यातायात बुरी तरह प्रभावित, पुलिस ने लगाए बैरिकेड्स

2 दिसंबर को किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के कारण दिल्ली और नोएडा के कुछ हिस्सों में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चिल्ला बॉर्डर और दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (DND) फ्लाईओवर पर वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलीं। सुरक्षा उपायों के तहत पुलिस बैरिकेड्स भी लगाए गए थे। ANI द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में चिल्ला बॉर्डर पर कारों को रेंगते हुए देखा गया, वहीं DND पर कम से कम 10 लेन पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रुका हुआ था।

किसान संगठनों का विरोध

किसानों का यह विरोध मार्च भारतीय किसान परिषद (BKP) और अन्य किसान संगठनों द्वारा किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप से गारंटी देना और कृषि सुधारों से संबंधित मुआवजे और लाभ की मांग करना है। 2 दिसंबर को यह विरोध मार्च नोएडा के महा माया फ्लाईओवर से शुरू होगा और किसानों का कहना है कि वे दिल्ली पहुंचने तक अपनी मांगों को लेकर विरोध जारी रखेंगे।

यातायात के लिए दिशा-निर्देश

नोएडा पुलिस ने यातायात की बाधाओं को लेकर यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में देरी होने की आशंका के चलते यात्री वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग भी सुझाए हैं। साथ ही, भारी वाहनों को नोएडा-दिल्ली सीमाओं से जाने से रोकने के लिए कुछ मार्गों पर प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।

चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर नोएडा: सेक्टर 14-ए फ्लाईओवर → गोलचक्कर चौक सेक्टर-15 → संदीप पेपर मिल चौक → झुंझुपुरा चौक।

डीएनडी बॉर्डर से दिल्ली: फिल्म सिटी फ्लाईओवर → सेक्टर-18 → एलिवेटेड रोड।

कालिंदी बॉर्डर से दिल्ली: महामाया फ्लाईओवर → सेक्टर-37।

ग्रेटर नोएडा से दिल्ली: चरखा गोल चक्कर → कालिंदी कुंज या हाजीपुर अंडरपास → सेक्टर-51 और मॉडल टाउन से कालिंदी कुंज।

यमुना एक्सप्रेसवे ट्रैफिक: जेवर टोल से बाहर निकलें → खुर्जा → जहांगीरपुर।

पेरिफेरल एक्सप्रेसवे ट्रैफिक: सिरसा से बाहर निकलने से बचें → दिल्ली के लिए दादरी या डासना से बाहर निकलें।

किसान क्या चाहते हैं?

किसानों की मुख्य मांगें हैं:

  • एमएसपी पर कानूनी गारंटी: किसान चाहते हैं कि MSP की गारंटी कानूनी रूप से दी जाए।
  • कृषि ऋण माफी: किसानों ने अपने कृषि ऋणों की माफी की भी मांग की है।
  • पेंशन और बिजली दरों में वृद्धि न हो: किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन की सुविधा और बिजली की दरों में कोई वृद्धि न हो, यह भी उनकी मांगों में शामिल है।
  • लखीमपुर खीरी हिंसा और अन्य मामलों में न्याय: 2021 में लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में न्याय की मांग भी की जा रही है।
  • मुआवजा: 2020-21 के विरोध प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके लिए मुआवजे की मांग की जा रही है।

किसानों की योजना

किसानों का कहना है कि वे 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर एक और मार्च करेंगे। इस मार्च का नेतृत्व पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के किसान संगठनों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों के किसान भी अपने-अपने राज्यों में मार्च करेंगे।

किसान नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है और उनकी बातचीत में कोई प्रगति नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो विरोध और तेज होगा।

अंत में

किसान अपनी मांगों को लेकर पूरे जोश में हैं और 6 दिसंबर से दिल्ली के लिए एक और मार्च करेंगे। दिल्ली और नोएडा में यातायात प्रभावित होने की संभावना है, और सभी यात्रियों से अपील की जा रही है कि वे पहले से तैयार रहें और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।

Digikhabar Editorial Team
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