श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आतंकवाद को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद न तो अब तक खत्म हुआ है और न ही भविष्य में खत्म होगा।
फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जो लोग यह मानते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, मैं उन्हें चुनौती देता हूं। जब तक हमारे पड़ोसियों के साथ रिश्ते बेहतर नहीं होते, तब तक आतंकवाद की समाप्ति की उम्मीद करना बेकार है।” उनके इस बयान पर सियासी हलकों में बहस शुरू हो गई है और उनकी आलोचना भी हो रही है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और भारत के लिए यह मुद्दा तब तक बना रहेगा जब तक वह अपने पड़ोसी देशों के साथ स्थायी और सकारात्मक संवाद स्थापित नहीं करता।
शिबू सोरेन के निधन पर शोक
फारूक अब्दुल्ला ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी नेता शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आज हमारे बहुत अच्छे मित्र शिबू सोरेन का निधन हो गया है। दुख की इस घड़ी में हम सभी हेमंत सोरेन के साथ खड़े हैं।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि हेमंत सोरेन अपने पिता के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे और झारखंड को गरीबी और पीड़ा से बाहर निकालने के लिए काम करते रहेंगे।
फारूक अब्दुल्ला के बयान एक ओर जहां आतंकवाद पर नई बहस को जन्म दे रहे हैं, वहीं शिबू सोरेन को लेकर उनकी संवेदनाएं राजनीतिक और सामाजिक वर्गों में सराहना बटोर रही हैं।