
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर राजनीतिक घमासान में घिर गए हैं। लंबे समय के बाद सार्वजनिक रूप से सामने आए पित्रोदा ने पड़ोसी देशों खासकर पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की वकालत की है। उनका कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश की यात्रा की है और वहां उन्हें “घर जैसा अनुभव” हुआ।
“पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश में घर जैसा लगा” – पित्रोदा
एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सैम पित्रोदा ने कहा:
“हमारी विदेश नीति को पहले अपने पड़ोसियों पर ध्यान देना चाहिए। हम अपने पड़ोसियों से शांति और सौहार्द के साथ क्यों नहीं रह सकते? मैं पाकिस्तान गया हूं और मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ। बांग्लादेश और नेपाल में भी यही अनुभव रहा।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ “शांति और सद्भाव” के साथ रहने की कोशिश करनी चाहिए। पित्रोदा इससे पहले भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को समर्थन देने वाले बयान को लेकर भी विवादों में रह चुके हैं।
बीजेपी का पलटवार
पित्रोदा के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“राहुल गांधी के प्रिय सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा लगा। अब समझ आया कि 26/11 के बाद यूपीए सरकार ने पाकिस्तान पर कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया।”
वहीं बीजेपी नेता शहज़ाद पूनावाला ने भी तीखा हमला करते हुए कहा:
“1984 सिख विरोधी दंगों पर ‘हुआ तो हुआ’ कहने वाले पित्रोदा आज पाकिस्तान को लेकर प्यार जता रहे हैं। यही कांग्रेस की असली सोच है — पाकिस्तान प्रेम।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा पाकिस्तान को क्लीन चिट दी है चाहे वो समझौता एक्सप्रेस धमाका हो, पुलवामा हो या हालिया पहलगाम हमला। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी ने अनुच्छेद 370 के हटाए जाने, सर्जिकल स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर पर भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाए।
“इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस”?
भाजपा नेताओं ने पित्रोदा पर सिर्फ बयान को लेकर नहीं, बल्कि उनकी सोच पर भी सवाल उठाए हैं। पूनावाला ने कहा,
“कांग्रेस अब ‘इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस’ बन चुकी है। सैम पित्रोदा जो अमेरिका में रहते हैं, भारत से दूर हैं — उन्हें पाकिस्तान में घर मिलता है, भारत में नहीं?”
क्या कांग्रेस देगी सफाई?
सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस पार्टी सैम पित्रोदा के इस बयान से सहमत है, या फिर वह इससे किनारा करेगी। राहुल गांधी की चुप्पी भी चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि पित्रोदा को पार्टी के “विश्वासपात्र” और “करीबी सलाहकार” के तौर पर देखा जाता है।
सैम पित्रोदा के पाकिस्तान प्रेम वाले बयान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत में विदेश नीति पर घरेलू राजनीति किस कदर हावी है। जबकि देश ने पाकिस्तान से आए आतंकवाद के ज़ख्म अब तक पूरी तरह भरे नहीं हैं, ऐसे में इस तरह के बयान भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं।
आने वाले चुनावों में यह बयान कांग्रेस के लिए राजनीतिक सिरदर्द बन सकता है, क्योंकि बीजेपी इसे राष्ट्रवाद के मुद्दे से जोड़कर भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।