लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। गंगा, यमुना और बेतवा नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में रविवार को औसतन 14.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 24 जिलों में भारी वर्षा हुई।
गंगा नदी वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यमुना और बेतवा नदियों ने औरैया, कालपी, हमीरपुर, प्रयागराज और बांदा जैसे इलाकों में चेतावनी के स्तर को पार कर लिया है।
वाराणसी में गंगा घाट डूबे, छतों पर हो रही आरती
वाराणसी में सोमवार सुबह गंगा का जलस्तर 72.1 मीटर तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर है। गंगा घाटों के जलमग्न हो जाने के कारण दाह-संस्कार और धार्मिक क्रियाएं छतों और ऊंचे प्लेटफॉर्मों पर की जा रही हैं। गंगा सेवा निधि के शिवम अग्रहरि ने बताया कि दशाश्वमेध घाट की आरती अब छतों पर की जा रही है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह की व्यवस्था भी ऊंचे मंचों पर की गई है।
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नाव सेवा बंद कर दी है। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। स्कूलों की कक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।
प्रयागराज में 200 से अधिक गांव जलमग्न
प्रयागराज में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शनिवार से दोनों नदियां 84.73 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। सोमवार सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर नैनी में 86.04 मीटर और गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 86.03 मीटर रिकॉर्ड किया गया।
शहर के 107 वार्डों और सदर तहसील के कई मोहल्लों में पानी भर गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र राजापुर, बेली कछार, चंदपुर सलोरी, गोविंदपुर, छोटा बाघाड़ा और बड़ा बाघाड़ा हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में फूलपुर तहसील के 18 गांव, सोरांव के 8, मेजा के 12, बारा के 8 और हंडिया के 6 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में जुटीं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त कर रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद कर रही हैं। प्रशासन लगातार जलस्तर की निगरानी कर रहा है और स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।
प्रदेश सरकार ने लोगों से सतर्क रहने और नदियों के किनारे जाने से बचने की अपील की है। बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं।