
बिहार के मोकामा स्थित नौरंगा-जलालपुर गांव में बुधवार को पूर्व विधायक अनंत सिंह पर हमले की घटना ने सनसनी फैला दी। सोनू-मोनू गिरोह के सदस्यों ने उन पर जानलेवा हमला किया। घटना के दौरान लगभग 70 राउंड गोलियां चलाई गईं, लेकिन अनंत सिंह इस हमले में बाल-बाल बच गए।
गांव बना पुलिस छावनी
घटना के बाद नौरंगा गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बारह के डीएसपी राकेश कुमार घटना स्थल पर कैंप कर रहे हैं। गांव में इस हमले के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है, और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, नौरंगा-जलालपुर गांव में एक दबंग द्वारा एक घर पर ताला लगवा दिया गया था। इसी शिकायत को लेकर अनंत सिंह गांव पहुंचे थे। उनके दौरे के दौरान उन पर घात लगाकर हमला किया गया। डीएसपी राकेश कुमार ने बताया कि सोनू-मोनू गिरोह के घर पर भी फायरिंग हुई।
पुलिस ने घटना स्थल से तीन कारतूस बरामद किए हैं। डीएसपी ने यह भी बताया कि पूरे मामले की जांच जारी है।
‘छोटे सरकार’ के नाम से प्रसिद्ध हैं अनंत सिंह
अनंत सिंह, जो एक समय गैंगस्टर से नेता बने, बिहार की राजनीति में “छोटे सरकार” के नाम से जाने जाते हैं। उनकी पत्नी, जो आरजेडी के टिकट पर विधायक थीं, ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) का दामन थाम लिया है।
गांव में दहशत और पुलिस का पहरा
हमले के बाद से नौरंगा गांव में दहशत का माहौल है। पुलिस की टीम पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है। फिलहाल, अनंत सिंह सुरक्षित हैं, लेकिन यह घटना उनकी जान को लेकर बढ़ते खतरे को उजागर करती है।
राजनीति और अपराध का गठजोड़?
यह घटना बिहार में राजनीति और अपराध के गठजोड़ पर एक बार फिर से सवाल खड़े करती है। सोनू-मोनू गिरोह के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और इस घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
बिहार की राजनीति के इस अनसुलझे अध्याय पर सभी की निगाहें टिकी हैं। पुलिस की जांच और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम से ही स्थिति पर काबू पाया जा सकता है।