काजीरंगा में दिखा ‘Golden Tiger’! सिंघम से कम नहीं ये जंगल का सुपरस्टार

काजीरंगा में दिखा ‘Golden Tiger’! सिंघम से कम नहीं ये जंगल का सुपरस्टार
काजीरंगा में दिखा ‘Golden Tiger’! सिंघम से कम नहीं ये जंगल का सुपरस्टार

गुवाहाटी: असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में हाल ही में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने सोशल मीडिया से लेकर वाइल्डलाइफ प्रेमियों के दिलों तक हलचल मचा दी — जी हां, यहां दिखाई दिया एक ‘गोल्डन टाइगर’, यानी सुनहरी शेर की तरह चमकती खाल वाला दुर्लभ बाघ। इस बेमिसाल नज़ारे की तस्वीरें फोटोग्राफर सुधीर शिवराम ने कैमरे में कैद कीं, और इसे देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर साझा करते हुए इसे “stunner” बताया।

सुनहरे बाघ की यह झलक न सिर्फ खूबसूरती का प्रतीक बनी, बल्कि वाइल्डलाइफ संरक्षण की अहमियत को एक बार फिर सुर्खियों में ले आई। सिंधिया ने ट्वीट में लिखा कि ऐसी दुर्लभ प्रजातियां हमें याद दिलाती हैं कि प्रकृति की विरासत को बचाना हमारी जिम्मेदारी है।

क्या है गोल्डन टाइगर की खासियत?

गोल्डन टाइगर कोई नई प्रजाति नहीं, बल्कि बाघ की एक जेनेटिक म्यूटेशन का परिणाम है, जिसमें इसकी खाल सामान्य नारंगी रंग के बजाय हल्के सुनहरे रंग की हो जाती है और धारियां भी ज्यादा धुंधली होती हैं। भारत में इसे पहली बार 2014 में देखा गया था और तब से यह बेहद दुर्लभ माना जाता है।

काजीरंगा

काजीरंगा नेशनल पार्क, जो 430 वर्ग किलोमीटर में फैला है, टाइगर डेंसिटी के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है। हालांकि, घने जंगलों और ऊंची घासों के कारण बाघों को देखना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन इस बार नज़ारा कुछ खास रहा! यह वही पार्क है जो भारतीय एक सींग वाले गैंडे और हजारों दुर्लभ पक्षियों के लिए भी जाना जाता है। यानी, यहां हर कदम पर रोमांच है।

इस सुनहरी बाघ की चर्चा तब और तेज़ हो गई जब क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर अपने परिवार के साथ काजीरंगा सफारी पर पहुंचे। सचिन ने न केवल गोल्डन टाइगर की झलक पाई, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर और गैंडे के दीदार का भी लुत्फ उठाया। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। गोल्डन टाइगर की यह दुर्लभ झलक अब न सिर्फ जंगल प्रेमियों का रोमांच बढ़ा रही है, बल्कि संरक्षण की जरूरत को भी नई रोशनी दे रही है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।