नई दिल्ली: टेक जायंट गूगल ने एक बार फिर कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार चला दी है। इस बार गाज गिरी है उसकी Platforms और Devices यूनिट पर — यानी वो टीमें जो एंड्रॉइड, पिक्सल फोन और क्रोम ब्राउज़र जैसे अहम प्रोडक्ट्स पर काम कर रही थीं। सैकड़ों कर्मचारियों को दिखाया गया बाहर का रास्ता, एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कदम कंपनी द्वारा जनवरी में दिए गए वॉलंटरी एग्जिट ऑफर के बाद उठाया गया है।
क्या बोला गूगल?
गूगल के प्रवक्ता ने कहा, “पिछले साल जब हमने Platforms और Devices टीम्स को मर्ज किया, तब से हमारा फोकस है ऑपरेशनल एफिशिएंसी पर। इसी के तहत हमने कुछ पोजिशन कम की हैं और पहले से वॉलंटरी एग्जिट प्रोग्राम भी चलाया था।” यह जानकारी सबसे पहले The Information की एक रिपोर्ट में सामने आई। अभी तक गूगल ने इस पर Reuters को कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। गूगल हाल के महीनों में लगातार टीमों में कटौती कर रहा है:
- फरवरी 2025: ब्लूमबर्ग के अनुसार, गूगल ने अपने क्लाउड डिवीजन में कुछ टीमों में छंटनी की थी।
- जनवरी 2023: गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet ने 12,000 नौकरियों में कटौती की घोषणा की थी — जो उसकी ग्लोबल वर्कफोर्स का करीब 6% था।
क्यों हो रही है कटौती?
विशेषज्ञों का मानना है कि AI युग में कंपनियां तेजी से lean structures की ओर बढ़ रही हैं — मतलब कम कर्मचारियों में ज्यादा काम। साथ ही, खर्चों को काबू में रखने के लिए टॉप मैनेजमेंट लगातार दबाव में है।