डी गुकेश ने चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया। वह महज 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए। गुकेश का खिताब जीतने का सफर काफी रोमांचक रहा। उन्होंने शुरुआती झटकों पर काबू पाया और टाईब्रेकर में लिरेन की एक निर्णायक गलती का फायदा उठाया। इस जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनकी जगह पक्की की, बल्कि उन्हें बड़ी पुरस्कार राशि भी दिलाई।
चैंपियनशिप के लिए कुल पुरस्कार राशि 2.5 मिलियन डॉलर (लगभग ₹20.75 करोड़) थी। गुकेश ने 1.35 मिलियन डॉलर (₹11.34 करोड़) कमाए, जिसमें तीन गेम जीतने के लिए 600,000 डॉलर (₹5.04 करोड़) शामिल हैं, जबकि लिरेन ने 1.15 मिलियन डॉलर (₹9.41 करोड़) जीते। हालांकि, गुकेश की यह अप्रत्याशित जीत भारत के कराधान कानूनों के अधीन है, जिसने ऑनलाइन चर्चा की लहर पैदा कर दी है। 30% कर ब्रैकेट के अंतर्गत आने वाले गुकेश को सरचार्ज के बाद लगभग ₹4.67 करोड़ आयकर का भुगतान करना होगा।
गुकेश 21 करोड़ की संपत्ति के हैं मालिक
गुकेश की हालिया जीत के साथ उनकी अनुमानित कुल संपत्ति ₹20 करोड़ (लगभग $2.4 मिलियन) तक पहुंच गई है. इस जीत से पहले 2024 में उनकी संपत्ति ₹8.26 करोड़ थी.
2024 विश्व चैंपियनशिप की कुल पुरस्कार राशि $2.5 मिलियन थी, जिसमें से गुकेश ने तीन गेम जीतकर $600,000 (लगभग ₹5.07 करोड़) अर्जित किए. इसके अलावा, $1.5 मिलियन की शेष राशि दोनों खिलाड़ियों के बीच बराबर बांटी गई जिससे गुकेश को कुल $1.35 मिलियन (लगभग ₹11.45 करोड़) मिले.
डी गुकेश के सफर पर एक नजर
डी गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था. उनके पिता का नाम रजनीकांत है जो पेशे से नाक, कान और गले के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं. उनकी मां पद्मा भी पेशे से डॉक्टर हैं और उनकी विशेषता का क्षेत्र माइक्रोबायोलॉजी है. गुकेश एक तेलुगू भाषी परिवार से संबंध रखते हैं और महज 7 साल की उम्र में चेस खेलना शुरू कर दिया था. डी गुकेश को शतरंज का बादशाह बनाने के लिए पिता रजनीकांत ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी. फिर उनकी मां ने घर की जिम्मेदारियां संभाली.
डी गुकेश ने महज़ 9 साल की उम्र में ही अपनी पहली चैंपियनशिप जीत ली थी. उन्होंने महज 9 साल की उम्र में अंडर-9 एशियन स्कूल चेस चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया था. उसके 3 साल बाद उन्होंने अंडर-12 लेवल पर वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप जीती थी. 12 साल की उम्र में ही उन्होंने 2018 एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में एक नहीं, दो नहीं बल्कि 5 गोल्ड मेडल जीते थे. मार्च 2017 में इंटरनेशनल मास्टर टूर्नामेंट को जीतकर इतिहास में तीसरे सबसे युवा चेस ग्रैंड मास्टर बने.