नई दिल्ली: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि शुरुआती गिरावट के बाद बाजार ने कुछ रिकवरी की, लेकिन अंततः प्रमुख सूचकांक लाल निशान में बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 77 अंक की मामूली गिरावट के साथ 81,373 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 34.1 अंक टूटकर 24,716.60 पर बंद हुआ।
शुरुआती झटके के बाद सुधार
कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 762 अंक तक गिरकर 80,688.77 के स्तर तक पहुंच गया था, वहीं निफ्टी भी 212 अंक फिसलकर 24,538.45 पर आ गया था। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बाजार ने कुछ हद तक रिकवरी की लेकिन पूरी गिरावट की भरपाई नहीं हो सकी।
किन शेयरों में दिखा उतार-चढ़ाव
लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयर:
- अडानी पोर्ट्स
- एमएंडएम
- इटरनल
- टाटा कंज्यूमर
- पावर ग्रिड कॉर्प
घाटे में रहने वाले प्रमुख शेयर:
- हीरो मोटोकॉर्प
- टेक महिंद्रा
- जेएसडब्ल्यू स्टील
- एचडीएफसी लाइफ
- टाटा स्टील
सेक्टोरियल प्रदर्शन
- पीएसयू बैंक और रियल्टी सेक्टर में 2% की तेजी देखी गई।
- आईटी, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में 0.5% की गिरावट रही।
- बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.6% और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.4% चढ़े।
बाजार गिरने के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में गिरावट की प्रमुख वजह अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ दोगुना करने की धमकी रही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दिए गए इस बयान ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी। इसके अलावा,
- एफपीआई की खरीदारी में कमी,
- मुनाफावसूली,
- घरेलू बाजार में नए सकारात्मक संकेतों का अभाव,
बाजार पर दबाव के प्रमुख कारण रहे।
वैश्विक बाजारों की स्थिति
- जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंग सेंग नीचे बंद हुए।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ।
- चीन के बाजार बंद रहे।
- यूरोपीय बाजारों में भी मध्य सत्र में गिरावट देखी गई।
- अमेरिकी बाजार शुक्रवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए।
रुपया हुआ 16 पैसे मजबूत
सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 16 पैसे मजबूत होकर 85.39 पर बंद हुआ। कमजोर अमेरिकी मुद्रा, रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें, रुपये को समर्थन देने वाले प्रमुख कारण रहे। हालांकि, अस्थिर बाजार, विदेशी निवेश की निकासी और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों की वजह से रुपया ज्यादा मजबूती हासिल नहीं कर सका।
सोमवार का दिन बाजार के लिए मिला-जुला रहा। वैश्विक स्तर पर बढ़ते आर्थिक तनाव और घरेलू अनिश्चितताओं के बीच निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। आने वाले दिनों में टैरिफ नीति, एफपीआई रुझान और कच्चे तेल की कीमतें बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।