भारी बारिश ने फिर बिगाड़ी बेंगलुरु की तस्वीर, सड़कों से लेकर घरों तक भरा पानी

भारी बारिश ने फिर बिगाड़ी बेंगलुरु की तस्वीर, सड़कों से लेकर घरों तक भरा पानी
भारी बारिश ने फिर बिगाड़ी बेंगलुरु की तस्वीर, सड़कों से लेकर घरों तक भरा पानी

बेंगलुरु: रविवार (18 मई) और सोमवार (19 मई) की दरम्यानी रात हुई भारी बारिश ने बेंगलुरु को एक बार फिर पानी-पानी कर दिया। शहर के कई हिस्सों में सड़कों, बस स्टैंडों और रिहायशी इलाकों में जलभराव हो गया, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालात इतने गंभीर हो गए कि कुछ इलाकों में लोगों को नावों और ट्रैक्टरों की मदद से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।

लगातार तीसरे दिन पानी में डूबा शहर

बेंगलुरु पिछले तीन दिनों से प्री-मानसून बारिश और ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) की अधूरी बाढ़ नियंत्रण योजनाओं की वजह से जलजमाव की मार झेल रहा है।

श्री साई लेआउट, ट्रिनिटी फॉर्च्यून लेआउट और रेनबो ड्राइव लेआउट जैसे इलाकों में बारिश का पानी घरों में घुस गया। BBMP की टीमें मौके पर पहुंचीं और लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त

सोमवार की सुबह commuters को जलभराव वाली सड़कों ने स्वागत किया।

  • कोरमंगला, इंदिरानगर, सिल्क बोर्ड जंक्शन, इलेक्ट्रॉनिक सिटी फ्लाईओवर और अन्य इलाकों में पानी भरने के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। वहीं एक यात्री ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिटी फ्लाईओवर को सुबह के समय बंद कर दिया गया क्योंकि उसके बीच में पानी भर गया था।

HRBR लेआउट, CBD, जेपी नगर, वाइटफील्ड, सरजापुर, बन्नरघट्टा रोड जैसी जगहों पर भी भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति रही। शांतिनगर बस स्टैंड का एक हिस्सा भी पानी में डूब गया।

तेज हवाओं के साथ आई बारिश के कारण कई जगहों पर पेड़ गिर गए और सड़कें जाम हो गईं। कुछ गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।

रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित

जलभराव की वजह से लोग दैनिक ज़रूरतों की चीजें नहीं खरीद पाए, क्योंकि रास्ते पूरी तरह से कट गए थे।
ट्रिनिटी फॉर्च्यून लेआउट में राजकालुवे के ओवरफ्लो होने से 10 से ज्यादा घरों में पानी घुस गया।
रेनबो ड्राइव लेआउट की सड़कें भी पानी में डूबी नजर आईं।

बारिश से पहले ही बेहाल बेंगलुरु

लोगों का कहना है कि जब मानसून अभी शुरू भी नहीं हुआ है और शहर का ये हाल है, तो आने वाले हफ्तों में स्थिति और बिगड़ सकती है। हर साल बाढ़ से जूझने वाले इलाकों में अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है, जिससे लोगों में गहरी नाराज़गी है।

बेंगलुरु में बारिश कोई नई बात नहीं है, लेकिन हर बार जलजमाव और अव्यवस्था प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े करती है। लगातार बढ़ती जनसंख्या, अव्यवस्थित शहरीकरण और बुनियादी ढांचे की कमी मिलकर हर साल शहर को बाढ़ की मार झेलने पर मजबूर कर देते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि BBMP और राज्य सरकार इस बार कितनी तत्परता से स्थायी समाधान की ओर कदम बढ़ाती है।

Digikhabar Team
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