कैसे एक डेंटल सर्जन से बने कैबिनेट मंत्री, पूर्वांचली वोटबैंक को साधने के लिए Pankaj Kumar Singh को मिली दिल्ली कैबिनेट में जगह

कैसे एक डेंटल सर्जन से बने कैबिनेट मंत्री, पूर्वांचली वोटबैंक को साधने के लिए Pankaj Kumar Singh को मिली दिल्ली कैबिनेट में जगह
कैसे एक डेंटल सर्जन से बने कैबिनेट मंत्री, पूर्वांचली वोटबैंक को साधने के लिए Pankaj Kumar Singh को मिली दिल्ली कैबिनेट में जगह

नई दिल्ली: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मंत्रिमंडल में डेंटल सर्जन से नेता बने पंकज कुमार सिंह को जगह दी गई है। विकासपुरी सीट से पहली बार विधायक बने सिंह ने गुरुवार को मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने इस चुनाव में 12,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।

पूर्वांचली वोटबैंक को साधने की कोशिश

48 वर्षीय पंकज कुमार सिंह लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे हैं और पार्टी के पूर्वांचल मोर्चा के महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। पूर्वांचली मतदाता – यानी पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से आए प्रवासी लोग – दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में पंकज सिंह की कैबिनेट में एंट्री बीजेपी की इस वोटबेस को साधने की रणनीति मानी जा रही है।

पकंज सिंह का सपना

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीटीआई से बात करते हुए पंकज कुमार सिंह ने दिल्ली की बुनियादी सुविधाओं में सुधार को अपनी प्राथमिकता बताया।

“दिल्ली के लोगों को वह बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पाई हैं, जो मिलनी चाहिए थी। हमारी कोशिश होगी कि राजधानी के लोगों को बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित दिल्ली’ के विजन को पूरा करें।”

उन्होंने कहा कि उनकी अहम योजनाओं में सड़कें, अस्पताल, स्कूल, पीने के पानी की आपूर्ति में सुधार और यमुना नदी की सफाई शामिल है।

म्युनिसिपल लीडर से मंत्री तक का सफर

पंकज कुमार सिंह ने राजनीतिक सफर की शुरुआत जमीनी स्तर से की थी। दिल्ली नगर निगम (MCD) में स्थानीय नेता के रूप में काम करने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव में कदम रखा और अब मंत्री पद तक पहुंचे। बिहार के बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय से उन्होंने डेंटल सर्जरी की डिग्री ली है।

दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव

बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP के 10 साल लंबे शासन को खत्म करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की। 2020 के चुनाव में 62 सीटें जीतने वाली AAP इस बार मात्र 22 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में पंकज कुमार सिंह की कैबिनेट में एंट्री और बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों को बीजेपी की व्यापक रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

क्या पूर्वांचली मतदाता तय करेंगे दिल्ली का भविष्य?

सिंह की कैबिनेट में एंट्री सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बिहार चुनावों के मद्देनजर भी अहम मानी जा रही है। बीजेपी का यह दांव दिल्ली और बिहार—दोनों राज्यों में उसके राजनीतिक समीकरण को मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

Digikhabar Editorial Team
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