हिंदू धर्म में इन 9 लोगों के पैर छूने से बचें, आशीर्वाद नहीं पाप लग सकता है, जानें शास्त्रों का मत

हिंदू धर्म में इन 9 लोगों के पैर छूने से बचें, आशीर्वाद नहीं पाप लग सकता है, जानें शास्त्रों का मत
हिंदू धर्म में इन 9 लोगों के पैर छूने से बचें, आशीर्वाद नहीं पाप लग सकता है, जानें शास्त्रों का मत

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में बड़ों के पैर छूना एक आदर्श संस्कार और सम्मान की परंपरा मानी जाती है। बचपन से ही सिखाया जाता है कि अपने से बड़े या सम्माननीय व्यक्तियों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए। लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे नियम भी बताए गए हैं, जिनके अनुसार कुछ विशेष व्यक्तियों के पैर छूना अशुभ या पाप का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं वे 9 व्यक्ति कौन हैं जिनके पैर नहीं छूने चाहिए।

1. दामाद के पैर नहीं छूने चाहिए

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने अपने ससुर दक्ष का वध किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि ससुर को दामाद के पैर नहीं छूने चाहिए। हालांकि, यह नियम हर स्थान पर लागू नहीं होता, पर कई परिवारों में इसे आज भी माना जाता है।

2. भांजे को मामा के पैर नहीं छूने चाहिए

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था। इसके चलते यह विश्वास है कि भांजे को मामा के पैर नहीं छूने चाहिए, क्योंकि यह रिश्ते की गरिमा के विरुद्ध माना जाता है।

3. कुंवारी कन्या के पैर नहीं छूने चाहिए

हिंदू मान्यताओं में कुंवारी कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप माना गया है। इसलिए उनसे चरण स्पर्श करवाना या उनके पैर छूना अशुद्ध कर्म माना जाता है। इससे पाप लगने की आशंका होती है।

4. सन्यासी किसी के पैर नहीं छूता

सन्यास लेने के बाद व्यक्ति सांसारिक बंधनों से ऊपर उठ चुका होता है। वह केवल अपने गुरु के चरणों में ही शीश नवाता है, अन्य किसी के चरण स्पर्श नहीं करता।

5. लेटे हुए व्यक्ति के पैर नहीं छूना चाहिए

शास्त्रों के अनुसार, सोते या लेटे हुए व्यक्ति के पैर छूना अशुभ होता है। लेटी अवस्था में केवल मृत व्यक्ति के चरण स्पर्श किए जाते हैं, इसलिए यह परंपरा शुभ नहीं मानी जाती।

6. मंदिर में किसी के पैर नहीं छूने चाहिए

मंदिर देवता का स्थान होता है, वहां किसी इंसान के चरण छूना देव प्रतिमा का अपमान माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति के चरण स्पर्श करने हों तो मंदिर के बाहर जाकर करना उचित होता है।

7. अशुद्ध अवस्था में व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिए

यदि कोई व्यक्ति अशौच (मृत्यु या जन्म के बाद की अशुद्धता) या शारीरिक रूप से अशुद्ध अवस्था में है, तो उसके चरण छूना पाप का भागी बनाता है। ऐसे में शुद्धि के बाद ही चरण स्पर्श करना उचित होता है।

8. पूजा कर रहे व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिए

जब कोई व्यक्ति पूजा या हवन कर रहा हो, उस समय उसके पैर छूना वर्जित है। पूजा के दौरान व्यक्ति स्वयं ईश्वर का माध्यम माना जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद ही चरण स्पर्श करना चाहिए।

9. नियम 267 के तहत चर्चा कर रहे व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिए (राजनीतिक हलके में खास)

यह नियम संसदीय प्रक्रिया से जुड़ा है, लेकिन कुछ धार्मिक मान्यताओं में इसे प्रतीकात्मक रूप से भी जोड़ा गया है – जब कोई व्यक्ति किसी गंभीर धार्मिक या राजनीतिक कर्तव्य में संलग्न हो, तो उसकी एकाग्रता भंग करने से बचना चाहिए, जिसमें चरण स्पर्श भी शामिल है।

डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति या समुदाय की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है। यह जानकारी आस्था और परंपराओं के आधार पर दी गई है, वैज्ञानिक पुष्टि आवश्यक नहीं है।