एडिलेड: टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा अब तक बेहद निराशाजनक रहा है। एडिलेड में खेले जा रहे दूसरे वनडे मैच में वह लगातार दूसरी बार शून्य (0) पर आउट हो गए। पर्थ में पहले वनडे में उन्होंने 8 गेंदें खेलीं, जबकि एडिलेड में सिर्फ 4 गेंदों का सामना कर पाए।
पहले मैच में उन्हें मिचेल स्टार्क की गेंद पर कूपर कोनॉली ने शानदार कैच पकड़कर पर्थ के मैदान को सन्न कर दिया था, जहां करीब 90 फीसदी दर्शक भारतीय थे। वहीं एडिलेड में 26 साल के स्थानीय तेज गेंदबाज जैवियर बार्टलेट ने विराट को एलबीडब्ल्यू आउट किया।
‘एडिलेड के फैंस का शुक्रिया’
मैदान से लौटते वक्त विराट ने एडिलेड ओवल में मौजूद दर्शकों की तालियों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने अपनी कृतज्ञता जताई और सिर झुकाकर फैंस को धन्यवाद कहा। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि भले ही उनका बल्ला इस समय खामोश है, लेकिन उनके कद और योगदान के प्रति लोगों का सम्मान बरकरार है।
करियर में पहली बार लगातार दो ‘डक’
विराट कोहली के शानदार 304 वनडे मुकाबलों के करियर में यह पहली बार है जब वह लगातार दो मैचों में बिना खाता खोले पवेलियन लौटे हैं। भारत के लिए यह झटका उस वक्त आया है जब टीम को सीरीज़ में बने रहने के लिए एडिलेड मैच जीतना बेहद जरूरी है।
टीम प्रबंधन फिलहाल किसी बड़े फैसले से बचना चाहता है, लेकिन यह भी सच है कि विराट और रोहित शर्मा जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए “उलटी गिनती” की चर्चाएं जोरों पर हैं।
‘असफलता सिखाती है जो सफलता नहीं सिखा सकती’
सीरीज़ शुरू होने से पहले विराट कोहली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा था,
“आप फेल तभी होते हैं जब आप हार मान लेते हैं।”
और उसी दिन उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा था,
“असफलता (आपको) वो सिखाती है जो कामयाबी कभी नहीं सिखाएगी।”
अब यही बातें उनके फैंस और आलोचक दोनों याद कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर आलोचना और समर्थन
विराट के लगातार दो ‘डक’ के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ फैंस इसे उनके करियर के अंत की शुरुआत बता रहे हैं, जबकि कुछ अब भी उन्हें “वापसी का बादशाह” मानते हैं। कई यूज़र्स ने मज़ाकिया ट्वीट किए हैं, तो कुछ ने उनके रिटायरमेंट की भविष्यवाणी तक कर दी है।
क्या यह अंत की शुरुआत है?
36 वर्षीय विराट कोहली अपने करियर के उस दौर में हैं जहां हर रन और हर पारी अहम है। आलोचनाएं तेज हैं, लेकिन इतिहास गवाह है कि विराट ने कई बार अपने बल्ले से जवाब दिया है। सवाल अब यह है कि क्या वह एक बार फिर आलोचकों को चुप करा पाएंगे, या यह सच में उनके सुनहरे अध्याय की ढलती शाम है?












