नई दिल्ली: भारी बारिश और नदियों में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर भारत ने पाकिस्तान को संभावित बाढ़ की स्थिति को लेकर चेतावनी जारी की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि बुधवार को सतलुज नदी में बाढ़ आने की प्रबल संभावना है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह चेतावनी मानवीय दृष्टिकोण के तहत जारी की गई है ताकि पाकिस्तान समय रहते आवश्यक सुरक्षा इंतज़ाम कर सके। बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह भी भारत ने तीन बार पाकिस्तान को चेतावनी दी थी, जब तावी नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था।
पंजाब में गंभीर हालात
भारत के पंजाब राज्य में सतलुज, व्यास, रावी और अन्य बरसाती नदियों में भी जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे राज्य के कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
जल जानकारी पर अस्थायी रोक
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली नदी जल से संबंधित तकनीकी जानकारी साझा करना अस्थायी रूप से बंद कर दिया था।
फिर भी निभाई मानवीय जिम्मेदारी
इसके बावजूद, भारत ने मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखते हुए यह चेतावनी जारी की है ताकि जान-माल के नुकसान को टाला जा सके।
सिंधु जल संधि का संदर्भ
गौरतलब है कि सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई थी, जिसके तहत सिंधु नदी प्रणाली का जल दोनों देशों के बीच विभाजित किया गया था। भारत को पूर्व की तीन नदियों (रावी, व्यास और सतलुज) पर अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को पश्चिम की तीन नदियों (सिंधु, चिनाब और झेलम) का जल आवंटित किया गया।
भारत की यह चेतावनी राजनीतिक तनाव के बीच एक सकारात्मक और जिम्मेदार कदम मानी जा रही है। इससे यह संकेत मिलता है कि आपदा के समय सहयोग और संवाद आवश्यक है, भले ही कूटनीतिक रिश्ते तनावपूर्ण हों।